पब्लिक प्रोविडेंट फंड में इंवेस्टमेंट से बन सकते हैं करोड़पति, हर महीने करें बस इतना छोटा निवेश...जानें कैसे
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| नई दिल्ली, देश के करोड़ों लोग पैसे अर्जित करने और एक समय में करोड़पति बनने की चाहत के साथ लगातार काम में जुटे रहते हैं। इसके लिए लोग नौकरियां करते हैं, कोई बिजनेस करता है। इन सब चीजों के साथ ही हर महीने एक निश्चित राशि सेव करके उसे सही जगह पर इंवेस्ट करना बहुत जरूरी होता है। हालांकि, आजकल कोरोना काल चल रहा है। यह अनिश्चितता का काल है। ऐसे में लोग ऐसी योजनाओं में ही पैसा डालने के बारे में सोच रहे हैं, जहां रिटर्न की गारंटी हो। ऐसी स्कीम की जब बात होती है तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) का नाम सबसे पहले आता है। यह स्कीम भारत में बहुत अधिक लोकप्रिय है। इसकी वजह यह है कि इस पर कई अन्य योजनाओं की तुलना में बेहतर ब्याज तो मिलता ही है, साथ ही यह स्कीम छूट, छूट, छूट (EEE) श्रेणी में आती है।
जानिए क्या होता है छूट, छूट, छूट (EEE)
ऐसी बहुत कम स्कीम होती हैं, जिन पर आपको EEE का लाभ मिलता है। इसका मतलब यह है कि आपको इस योजना में निवेश पर इनकम टैक्स में छूट का लाभ तो मिलता ही है, साथ ही ब्याज एवं मेच्योरिटी से होने वाली आय पर भी टैक्स छूट का लाभ प्राप्त होता है। पीपीएफ के अतिरिक्त सुकन्या समृद्धि योजना और कर्मचारी भविष्य निधि में निवेश के तहत आपको EEE का लाभ मिलता है।
एक वित्त वर्ष में कितना कर सकते हैं निवेश
सरकार के बनाए गए नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति किसी एक वित्त वर्ष में पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) में 1.5 लाख रुपये से अधिक निवेश नहीं कर सकता है। इसका मतलब है कि आप हर साल इस स्कीम में अधिकतम 1.50 लाख रुपये इंवेस्ट कर सकते हैं। पीपीएफ खाता 15 साल में मेच्योर होता है। हालांकि, मेच्योरिटी के बाद आप इसकी अवधि बढ़वा सकते हैं। एक बार अवधि बढ़वाने पर इसकी मेच्योरिटी पांच साल के लिए बढ़ जाती है।
इस स्कीम में निवेश से कैसे बन सकते हैं करोड़पति
पब्लिक प्रोविडेंट फंड में हर साल 1.50 लाख रुपये तक का निवेश किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि आपको हर महीने करीब 12,500 रुपये की बचत करनी होगी। इस स्कीम में निवेश पर सरकार अभी 7.1 फीसद की दर से ब्याज दे रही है। इस योजना में अगर आप 15 साल लगातार निवेश करते हैं तो 7.1 फीसद की दर से आपको 40,68,209 रुपये का रिटर्न मिलेगा। वहीं, अगर आप इसकी मेच्योरिटी को दो बार यानी दस साल के लिए बढ़वा लेते हैं तो आपको 25 साल बाद 1,03,08015 रुपये का रिटर्न हासिल होगा। इसमें आपके द्वारा निवेश की गई राशि 3,750,000 रुपये की होगी, जबकि ब्याज से आय 6,558,015 लाख रुपये की होगी।