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जांच एजेंसी ED पर लगाया आरोप, Xiaomi का आया ये बयान

jantaserishta.com
7 May 2022 11:53 AM GMT
जांच एजेंसी ED पर लगाया आरोप, Xiaomi का आया ये बयान
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नई दिल्ली: चीन की स्मार्टफोन कंपनी Xiaomi के इंडिया में लेनदेन को लेकर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी FEMA के तहत जांच कर रही है. इस बीच कंपनी ने ईडी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं जिसमें पूछताछ के दौरान उसके अधिकारियों को 'मारपीट' की धमकी देने और दबाव बनाने का आरोप शामिल है. कंपनी के इन आरोपों पर ईडी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

Xiaomi India ने एक बयान में कहा कि पूछताछ के दौरान ईडी के अधिकारियों ने उसके इंडियन ऑपरेशन के पूर्व एमडी मनु कुमार जैन और मौजूदा चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर समीर बी. एस. राव और उनके परिवारों को 'गंभीर परिणाम भुगतने' की धमकी दी. साथ ही उन पर एजेंसी के मनमुताबिक बयान देने का दबाव बनाया. रॉयटर्स ने कंपनी के इस बयान के हवाले से खबर दी है.
ईडी की ओर से कंपनी के इन आरोपों का जोरदार खंडन किया गया है. जांच एजेंसी का कहना है कि Xiaomi India के आरोप असत्य और बेबुनियाद हैं. कंपनी के अधिकारियों पर कोई दबाव नहीं बनाया गया, बल्कि उन्होंने FEMA के प्रावधानों के तहत स्वैच्छिक तरीके से अपने बयान दर्ज कराए हैं. जांच के दौरान कंपनी ने जो दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध कराई, उसी के आधार पर अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए. उनके बयान ईडी को लिखित में सौंपे गए जवाबों और अन्य रिकॉर्ड के साथ मेल खाते हैं.
ईडी ने इसी के साथ अधिकारियों के बयान दर्ज करने की पूरी जानकारी भी शेयर की है. इसमें कहा गया है कि मनु कुमार जैन का बयान 13 अप्रैल, 14 अप्रैल, 21 अप्रैल और 26 अप्रैल को दर्ज किया गया. जबकि समीर बी. एस. राव का बयान 25 मार्च, 14 अप्रैल, 19 अप्रैल, 21 अप्रैल, 22 अप्रैल और 26 अप्रैल को दर्ज हुआ. ईडी ने कंपनी के अधिकारियों के साथ आखिरी बार 26 अप्रैल को पूछताछ की, जबकि 5,551 करोड़ की जब्ती का ऑर्डर 29 अप्रैल को जारी हुआ है.
ईडी ने Xiaomi India के 5,551 करोड़ रुपये मूल्य के एसेट जब्त किए हैं. कंपनी के ये पैसे कई अलग-अलग बैंकों में जमा थे. कंपनी पर FEMA के उल्लंघन के साथ-साथ, मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. Xiaomi India ने 2014 में भारत में काम करना शुरू किया. ये चीन की प्रमुख मोबाइल कंपनी Xiaomi के पूर्ण मालिकाना हक वाली सब्सिडियरी है. Xiaomi India ने 2015 से अपनी पेरेंट कंपनी को पैसे भेजना शुरू किया. कंपनी ने विदेशी कंपनियों को कुल 5,551.27 करोड़ रुपये भेजे. Xiaomi India ने इतनी बड़ी राशि रॉयल्टी चुकाने की आड़ में भेजी. Xiaomi India भारत में ही मोबाइल फोन बनाने वाली कंपनियों से पूरी तरह बने हुए हैंडसेंट की खरीद करती है. ऐसे में उसने विदेश में काम करने वाली इन तीनों कंपनियों की कोई सर्विस ली ही नहीं, और इसके बावजूद फर्जी दस्तावेज बनाकर रॉयल्टी के नाम पर ये राशि भेजी.


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