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रेल यात्रियों के प्रीमियम से बीमा कंपनियों ने 3 साल में कमाए 12 करोड़ रुपये

Kunti Dhruw
2 Dec 2021 1:38 AM GMT
रेल यात्रियों के प्रीमियम से बीमा कंपनियों ने 3 साल में कमाए 12 करोड़ रुपये
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ट्रेन परिचालन रेलवे के लिए भले ही घाटे का सौदा है,

ट्रेन परिचालन रेलवे के लिए भले ही घाटे का सौदा है, लेकिन रेल यात्रियों को बीमा मुहैया कराने वाली कंपनियों के साथ ऐसा नहीं है। रेल यात्री वैकल्पिक बीमा योजना में कंपनियां अच्छी कमाई कर रही हैं। सफर के दौरान रेल यात्रियों को बीमा का सुरक्षा कवच देने वाली कंपनियों ने पिछले तीन साल में प्रीमियम के रूप में 21.90 करोड़ रुपए हासिल किए हैं। जबकि दावा भुगतान के एवज में कंपनियों की जेब से 9.85 करोड़ रुपए ही खर्च हुए। इस तरह बीमा कंपनियों ने तीन साल में 12.05 करोड़ रुपए की कमाई की।

संसद में गत मंगलवार को पेश रेलवे की संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख है कि 2017-18 में 39.33 करोड़ रेल यात्रियों ने वैकल्पिक बीमा योजना के तहत टिकट बुकिंग के समय बीमा कराया था। उस साल प्रति यात्री बीमा प्रीमियम 0.92 पैसा सरकार खुद वहन कर रही थी। इसके बाद सरकार ने 31 अगस्त 2018 से बीमा का प्रीमियम 0.49 रुपए प्रति यात्री कर दिया और इसका बोझ यात्रियों पर डाल दिया। विदित हो कि सरकार ने रेल यात्री वैकल्पिक बीमा योजना की शुरुआत सितंबर 2016 में की थी।
2018-19 में 34.40 करोड़ रेल यात्रियों ने बीमा कराया और कंपनियों को इसका प्रीमियम 8.53 करोड़ रुपए मिला। इसी तरह वर्ष 2019-20 में 27.30 करोड़ यात्रियों ने बीमा के एवज में 13.38 करोड़ रुपए प्रीमियम का भुगतान किया। वहीं, 2017-18 में बीमित यात्रियों के परिजनों के दावा भुगतान के एवज में सरकार ने 3.59 करोड़ रुपए दिए। बीमा कंपनियों ने 2018-19 में दावा भुगतान 6.12 करोड़ और 2019-20 में 3.73 करोड रुपए दावा भुगतान किया। इस तरह बीमा कंपनियों ने तीन साल में 12.05 करोड़ रुपये की कमाई प्रीमियम के रूप में की।
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