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'बीमा संशोधन विधेयक 2021' को मिली मंजूरी, जानिए इसके फायदे

Deepa Sahu
22 March 2021 3:01 PM GMT
बीमा संशोधन विधेयक 2021 को मिली मंजूरी, जानिए इसके फायदे
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संसद ने 'बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021'

जनता से रिश्ता वेबडेस्क: सोमवार को संसद ने 'बीमा (संशोधन) विधेयक, 2021' को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसमें बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा बढ़ाकर 74 फीसदी करने का प्रावधान किया गया है। एक फरवरी 2021 को पेश बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की थी कि अब बीमा क्षेत्र में 74 फीसदी तक एफडीआई हो सकेगी। पहले सिर्फ 49 फीसदी तक की ही इजाजत थी।

कंपनियों को पूंजी जरूरतों को पूरा करने में मिलेगी मदद

निचले सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा बढ़ा कर 74 फीसदी करने से इस क्षेत्र की कंपनियों की बढ़ती पूंजी जरूरत को पूरा करने में मदद मिलेगी। सीतारमण ने कहा कि यह संशोधन इसलिए किया जा रहा है ताकि कंपनियां यह तय कर सकें कि उन्हें किस सीमा तक एफडीआई लेना है। बीमा क्षेत्र अत्यंत विनियमित क्षेत्र है जिसमें हर चीज, यहां तक कि निवेश से ले कर मार्केटिंग तक का विनिवेश होता है.
पिछले छह सालों में...
2015 में एफडीआई सीमा 24 से बढ़ाकर की गई थी 49 फीसदी।
2015 से बीमा क्षेत्र को 26 हजार करोड़ रुपये की एफडीआई मिली है।
इससे पहले वित्त मंत्री ने बीमा बिल को साल 1991 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री मनमोहन सिंह की जोड़ी द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों का ही एक हिस्सा बताया था। उन्होंने कहा था कि, बीमा क्षेत्र का विस्तार हो रहा है और उसे पूंजी की जरूरत है। बीमा कंपनियां नकदी तरलता के दबाव का सामना कर रही हैं और ऊंची निवेश सीमा से उन्हें आवश्यक धन जुटाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिल को बीमा नियामक इरडा के साथ व्यापक विमर्श के बाद पेश किया गया है।
कोई हमारे पैसे को बाहर लेकर नहीं जाएगा- सीतारमण
सीतारमण ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बेचे जाने के आरोप गलत हैं ओर वे ऐसे ही रहेंगे। बजट में घोषित नीति में इसका स्पष्ट उल्लेख है। उन्होंने विपक्ष के कुछ सदस्यों के आरोपों को नकारते हुए कहा कि, 'कोई हमारे पैसे को बाहर लेकर नहीं जाएगा, पैसा हमारे यहां ही रहेगा। और तो और मुनाफे का एक हिस्सा भी यहीं रहेगा।' वित्त मंत्री ने कहा कि इस विधेयक का एलआईसी से कोई लेनादेना नहीं है। यह विधेयक बीमा क्षेत्र से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि जब बीमा क्षेत्र की बात की जाती है तो यह ध्यान देना चाहिए कि इसमें सार्वजनिक क्षेत्र की सात कंपनियां और निजी क्षेत्र से जुड़ी 61 कंपनियां हैं। जब हम आत्मनिर्भर भारत की बात करते हैं तब बीमा कवर बढ़ना चाहिए। देश के दलितों, शोषितों, वंचित वर्गो सभी को सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इसी सोच के तहत जीवन ज्योति बीमा योजना पेश की थी।


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