व्यापार

यूपी में 2.5 करोड़ से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर का हुआ इंस्टालेशन

Rani Sahu
31 March 2023 12:11 PM GMT
यूपी में 2.5 करोड़ से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर का हुआ इंस्टालेशन
x
लखनऊ, (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश सरकार ने 2.5 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं के परिसरों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर का इंस्टालेशन कर दिया है, जबकि वितरण परिवर्तकों पर 15 लाख से 21 हजार के करीब नग फीडरों पर स्मार्ट मीटर की स्थापना की गई है। भारत सरकार द्वारा 2021 में रिवैम्पड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) की अधिसूचना जारी की गई थी। इसका उद्देश्य प्रदेश के उपभोक्ताओं को कुशल एवं सु²ढ़ वितरण तंत्र के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण निर्बाध आपूति किया जाना था। इसके माध्यम से 2024-25 तक वितरण हानियों को 12 से 15 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य है। योजना के प्रमुख कार्यों में स्मार्ट मीटरिंग, वितरण हानियों को कम करने के कार्य सम्मिलित हैं।
यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज ने बताया कि प्रदेश में कुल 2.69 करोड़ उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर की स्थापना की जा चुकी है। मीटरिंग के कार्य के लिए भारत सरकार द्वारा 18,885.48 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसमें स्वीकृत धनराशि की 15 प्रतिशत यानी 2832.82 करोड़ रुपए अनुदान स्वरूप तथा शेष धनराशि यानी 16,052.66 करोड़ रुपए का वित्त पोषण राज्य सरकार और वितरण निगम द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि विद्धुत तंत्र के सु²ढ़ीकरण एवं वितरण हानियों को कम करने के लिए भारत सरकार की ओर से 16,498.61 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई जिसमें 60 प्रतिशत (9,899.17 करोड़) भारत सरकार द्वारा अनुदान स्वरूप तथा शेष 40 प्रतिशत (6,599.44 करोड़) का वित्त पोषण राज्य सरकार और वितरण निगम द्वारा किया जाएगा।
लॉस रिडक्शन के मुख्य कार्य में उपभोक्ताओं को संयोजन निर्गत करने में 2.71 लाख किमी आम्र्ड केबलिंग का उपयोग, एक्सएलपीई आम्र्ड केबल से 15 हजार किमी एलटी लाइन का निर्माण, 1.18 लाख किमी एबी केबल से खुले तारों की एलटी लाइन की प्रतिस्थापना, 35 हजार किमी 11 केवी लाइनों का विस्तार, 16 हजार किमी 11 केवी फीडर विभक्तिकरण के कार्य किए गए।
एम देवराज के अनुसार, भारत सरकार को आधुनिकीकरण के लिए 18,916.20 करोड़ रुपए के प्रस्ताव भेजे गए हैं। इनकी स्वीकृति अगले फाइनेंशियल ईयर में मिलने की संभावना है। इस प्रस्तावित धनराशि का 60 प्रतिशत (11,349 करोड़) भारत सरकार से अनुदान स्वरूप तथा शेष 40 प्रतिशत (7,566.4 करोड़) का वित्त पोषण राज्य सरकार व वितरण निगम द्वारा किया जाएगा।
--आईएएनएस
Next Story