व्यापार
इंफोसिस के चेयरमैन नंदन नीलेकणि ने क्रिप्टोकरेंसी में जताई दिलचस्पी, कही ये बात
Apurva Srivastav
8 Jun 2021 3:45 PM GMT
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डिजिटल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की लोकप्रियता इनदिनों दुनिया भर में बढ़ रही है
डिजिटल करेंसी यानी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की लोकप्रियता इनदिनों दुनिया भर में बढ़ रही है. तमाम दिग्गज और अरबपति इसमें निवेश की सलाह दे रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी की इन खूबियों से इंफोसिस के चेयरमैन एवं को-फाउंडर नंदन नीलेकणि भी काफी प्रभावित नजर आ रहे हैं. तभी उन्होंने एक इंटरव्यू में इसे बतौर संपत्ति की तरह यूज करने की सलाह दी.
नीलेकणि ने एक इंटरव्यू में कहा, "जैसे आपकी कुछ संपत्ति सोने या अचल संपत्ति में है, वैसे ही आप अपनी कुछ संपत्ति क्रिप्टो में रख सकते हैं. मुझे लगता है कि क्रिप्टो के लिए एक स्टोर वैल्यू के रूप में काम करता है लेकिन निश्चित रूप से लेनदेन के अर्थ में नहीं है."
नंदन नीलेकणी भारत में क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन करते हुए भारतीयों से इस डिजिटल मुद्रा को एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में अपनाने को कहा. उनका मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती लोकप्रियता और नियामक निरीक्षण की कमी के चलते इसे देश में एक संपत्ति का दर्जा दिया जा सकता है.
आईटी दिग्गज नीलेकणि ने कहा कि लोगों और व्यवसायों को 1.5tn डॉलर बाजार में टैप करने की अनुमति देने से क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले लोग भारत की अर्थव्यवस्था में अपना पैसा लगा सकते हैं. इससे पहले भी नीलेकणि क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति की तरह इस्तेमाल में लाए जाने की वकालत कर चुके हैं.
उन्होंने ब्लूम वेंचर्स के एंजेल निवेशक बालाजी श्रीनिवासन और कार्तिक रेड्डी के साथ मार्च में एक क्लब हाउस में कहा था, "हमें क्रिप्टो को एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में सोचना चाहिए और लोगों को कुछ क्रिप्टो करने की अनुमति देनी चाहिए.
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