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महंगाई दर में कमी आई है। लेकिन दाल, गेहूं और चावल की महंगाई अब भी ऊंची

jantaserishta.com
15 Nov 2023 7:04 AM GMT
महंगाई दर में कमी आई है। लेकिन दाल, गेहूं और चावल की महंगाई अब भी ऊंची
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हालाँकि, अगले 22 दिन बाद 6 दिसंबर 2023 से आरबीआई की छात्रावास नीति समिति की बैठक शुरू होगी। और 8 दिसंबर को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास स्मारक नीति समिति की बैठक में शामिल होने की घोषणा करेंगे, जिसमें ये भी शामिल हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नई नीति का अंतिम चरण को लेकर रुझान। इस बैठक में नीतिगत बदलाव में बदलाव की उम्मीद नहीं है।

इस कैसलेबिल से ठीक पहले 13 नवंबर 2023 को स्टॉक मिनिस्ट्री ने अक्टूबर महीने के लिए रिटेल स्टोर दार की घोषणा की थी, जो चार महीने के लेवल 5 फीसदी से नीचे 4.87 फीसदी पर आ गया है। आरबीआई का लैपटॉप आउटलेट बिक्री दर में और कमी का है। हालाँकि, आरबीआई का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2023-24 में मुद्रास्फीति दर 5.4 प्रतिशत रह सकती है। इस वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में तिमाही दर 5.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

आपूर्ति की समस्याएँ ख़त्म हो गईं, खाद्य पदार्थों की गिरती अर्थव्यवस्था और सस्ते दामों पर उद्योगों की कमी हो गई। लेकिन दाल, दाल और चावल की कीमतें अब भी कम हो गई हैं। कोर लाइब्रेरी दर भी 4.4 प्रतिशत पर आ गयी है। भोजन और प्लांट की फैक्ट्री में मुख्य रूप से मापी नहीं दी जाती है। हाल ही में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत कांत दास ने कहा था कि सेंट्रल बैंक बैंकिंग को लेकर पूरी तरह से सतर्क हैं। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र नीति के माध्यम से देश के आर्थिक विकास को गति देने के साथ-साथ प्राधिकार को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।

हालाँकि, अगर रबी फ़सल की निर्मिती बेहतर रही और कच्चे तेल की वैश्विक संरचना है तो 2024 में रिटेल दर का अनुपात 4 प्रतिशत के आसपास हो सकता है, जिसके बाद रेटिंग में बदलाव देखने को मिल सकता है। रिटेल स्टॉक एक्सचेंज के शेयरों में गिरावट के बाद नए साल में रेपो रेट में कटौती की जा सकती है, जिसके बाद इक्विटी शेयरों में गिरावट हो सकती है।

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