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महंगाई दर में लगातार 8वें महीने गिरावट

Admin4
15 Feb 2023 10:51 AM GMT
महंगाई दर में लगातार 8वें महीने गिरावट
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नई दिल्ली। थोक महंगाई दर (wholesale inflation rate) में गिरावट दर्ज हुई है। थोक मूल्य सचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित महंगाई दर (Inflation based on Wholesale Price Index (WPI)) जनवरी महीने में घटकर 4.73 फीसदी (Decreased to 4.73 percent) पर आ गई है। दिसंबर महीने में थोक महंगाई दर 4.95 फीसदी रही थी, जबकि एक साल पहले जनवरी 2022 में यह 13.68 फीसदी थी। थोक महंगाई दर में लगातार 8वें महीने गिरावट दर्ज की गई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में थोक महंगाई दर में गिरावट की वजह मिनिरल ऑयल, केमिकल एवं केमिकल उत्पादों, वस्त्रों, क्रूड पेट्रोलियम और नैचुरल गैस तथा खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आई है। आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में थोक महंगाई दर घटकर 4.73 फीसदी पर आ गई है, जबकि दिसंबर महीने में यह 4.95 फीसदी रही था। इस तरह महीने दर महीने के आधार पर थोक महंगाई दर 0.2 फीसदी गिरावट आई है।
मंत्रालय के मुताबिक अनाज के मामले में थोक महंगाई दर में 2.41 फीसदी का इजाफा हुआ। सब्जियां 26.48 फीसदी तक सस्ती हुईं है, जबकि ऑयल सीड्स की कीमतों में जनवरी में 4.22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। ईंधन और ऊर्जा बास्केट में थोक महंगाई दर 15.15 फीसदी रही है, जबकि दिसंबर में यह 18.09 फीसदी रही थी। इसी तरह निर्माण क्षेत्र के उत्पादों के मामले में यह 2.99 फीसदी रही, जो दिसंबर महीने में 3.37 फीसदी रही थी।
हालांकि, खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने से जनवरी में खाद्य महंगाई दर 2.95 फीसदी पर पहुंच गई है, जबकि दिसंबर 2022 में यह 0.65 फीसदी पर थी। इसके साथ ही दालों की महंगाई दर बढ़कर जनवरी में 15.65 फीसदी पर आ गई है, जबकि दिसंबर में यह 14 फीसदी पर रही थी। इसके अलावा दूध के प्रोडक्ट्स की महंगाई दर जनवरी महीने में बढ़कर 8.96 फीसदी पर आ गई है, जबकि दिसंबर में यह 6.99 फीसदी पर रही थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने महंगाई दर के लक्ष्य को 4-6 फीसदी के बीच रखा है। थोक महंगाई दर का आंकड़ा जनवरी में इस तय लक्ष्य के भीतर ही रहा है, जो रिजर्व बैंक के लिए राहत भरी खबर हो सकती है, लेकिन कल ही खुदरा महंगाई दर के आंकड़े आए थे। जनवरी में खुदरा महंगाई दर 6.52 फीसदी पर जा पहुंची है, जो दिसंबर 2022 में 5.72 फीसदी रही थी। यह आरबीआई के लिए चिंता का विषय है।
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