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श्रम मंत्रालय ने कहा कि जनवरी 2021 में सीपीआई-एल 2.17 फीसदी और सीपीआई-आरएल 2.35 फीसदी रही थी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Retail inflation rises: जनवरी महीने में खाद्य उत्पादों की कीमतों में काफी इजाफा देखने को मिला है. हर दिन बढ़ती महंगाई की वजह से आम जनता काफी परेशान है. इसके साथ ही खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने से जनवरी में कृषि कामगारों एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा महंगाई दर में इजाफा हो गया है. खुदरा महंगाई दर बढ़कर क्रमशः 5.49 फीसदी और 5.74 फीसदी हो गई है.
मंत्रालय ने जारी किया आंकड़ा
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, कृषि कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-एएल) पर आधारित मुद्रास्फीति दर जनवरी 2022 में 5.49 फीसदी रही. वहीं, ग्रामीण श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आरएल) पर आधारित मुद्रास्फीति दर 5.74 फीसदी रही.
कृषि कामगरों के लिए महंगाई दर 4.78 फीसदी
इसके पहले दिसंबर 2021 में कृषि कामगारों के लिए महंगाई दर 4.78 फीसदी और ग्रामीण श्रमिकों के लिए 5.03 फीसदी रही थी. श्रम मंत्रालय ने कहा कि जनवरी 2021 में सीपीआई-एल 2.17 फीसदी और सीपीआई-आरएल 2.35 फीसदी रही थी.
दिसंबर में कम थी मुद्रा स्फीति
जनवरी 2022 में खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने से कृषि कामगारों एवं ग्रामीण श्रमिकों के लिए खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़ गई है. जनवरी में कृषि कामगारों के लिए खाद्य मुद्रास्फीति 4.15 फीसदी रही जबकि ग्रामीण श्रमिकों के लिए यह 4.33 फीसदी रही. दिसंबर 2021 में यह क्रमशः 2.99 फीसदी और 3.17 फीसदी रही थी.
UP में देखी गई सबसे ज्यादा गिरावट
राष्ट्रीय स्तर पर सीपीआई-एएल दिसंबर 2021 की तुलना में जनवरी 2022 में 2 अंक घटकर 1,095 पर आ गया जबकि सीपीआई-आरएल एक अंक की कमी के साथ 1,105 अंक पर रहा. राज्यों में सबसे ज्यादा गिरावट उत्तर प्रदेश में दर्ज की गई जहां दोनों ही श्रेणियों में महंगाई सूचकांक में 9-9 अंक की गिरावट देखी गई. इसके उलट सीपीआईृ-एल में सर्वाधिक 8 अंक की वृद्धि हिमाचल प्रदेश और राजस्थान में देखी गई
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