आम आदमी को महंगाई की तगड़ी मार पड़ने वाली है. फिलहाल सावन का महीना चल रहा है, और देश में अधिकतर लोग इस महीने नॉनवेज नहीं खाते हैं. जब वे सावन के बाद चिकन या फिर अंडे खरीदने के लिए जाएंगे, तो उन्हें झटका लग सकता है. दरअसल, महंगाई अब अंडे और चिकन का स्वाद बिगाड़ सकता है. अंडे और चिकन की कीमतें 20 से 25 फीसदी तक बढ़ सकती हैं. इसके पीछे मुर्गी पालन और अंडे के उत्पादन में लागत बढ़ने का हलावा दिया जा रहा है. डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी किसानों की लागत बढ़ी है. इस बिजनेस से जुड़े कारोबारियों की मानें तो चिकन फीड की कीमतें दोगुनी हो गई हैं. पोल्ट्री फार्मिंग करने वाले किसान सोयाबीन और मक्के के बढ़ते भाव से परेशान हैं. क्योंकि मुर्गियों को खाने में सोयाबीन और मक्का सबसे ज्यादा दिया जाता है.
व्यापारियों की मानें तो सोया मील 35 रुपये किलो से बढ़कर 90 रुपये किलो तक हो गया है, यानी दोगुनी से भी ज्यादा कीमतें बढ़ गई हैं. मक्के का भाव भी 40 रुपये के आसपास पहुंच गया है, जो कि 21 रुपये किलो मिल रहा था. फिलहाल थोक बाजार में अंडा 4 से 5 रुपये प्रति पीस है. पोल्ट्री फार्मिंग करने वालों का कहना है कि चिकन फीड की कीमतें बढ़ने से चिकन की उत्पादन लागत 75 रुपये बढ़कर 100 रुपये हो गया है. यानी लागत में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है. जिससे अंडे और चिकन का भाव 20 से 25 फीसदी का इजाफा हो सकता है. किसानों ने बताया कि मुर्गियों के खिलाने के लिए अनाज के दाम पिछले 2 से 3 महीने में बढ़े हैं. सोया की कीमतें बढ़ने से व्यापारियों ने सरकार से 12 लाख टन सोया मील आयात की इजाजत मांगी है.