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भारत की GDP ग्रोथ, इस रेटिंग एजेंसी ने लगाया अनुमान
Shiddhant Shriwas
27 July 2021 8:40 AM GMT
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रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में सरकार का राजकोषीय घाटा 17.38 लाख करोड़ से 17.68 लाख करोड़ के बीच रह सकता है. फॉरन एक्सचेंज रिजर्व बढ़कर 620-630 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Care Ratings on Indian Economy: केयर रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि चालू वित्त वर्ष (2021-22) में देश की अर्थव्यवस्था में 8.8-9 फीसदी के बीच ग्रोथ दिखेगा. उसने कहा कि इसमें एग्रिकल्चर और इंडस्ट्रीज का बड़ा योगदान होगा. वित्त वर्ष 2020-21 में देश की अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी.
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में देश की अर्थव्यवस्था हर मोर्च पर बेहतर करती हुई दिख रही है. इसका सबसे बड़ा कारण ये है कि कोरोना के कारण वित्त वर्ष 2021 का बेस काफी घट गया है. रिपोर्ट के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में एग्रिकल्चर और इंडस्ट्रीज की बदौलत इकोनॉमी में तेजी देखेगी. सर्विस सेक्टर में 8.2 फीसदी का ग्रोथ रेट भी नहीं देखने को मिल सकता है.
डिमांड में कमी इस समय सबसे बड़ी समस्या
कोरोना की दूसरी लहर के कारण होटल, रेस्टोरेंट्स, टूरिज्म, रीटेल, मॉल्स, एंटरटेनमेंट जैसे बिजनेस पर काफी बुरा असर हुआ. केयर रेटिंग्स का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था कोरोना संकट से पहले से ही सुस्ती से जूझ रही थी. डिमांड में कमी का ट्रेंड पहले से चला आ रहा था और कोरोना महामारी में यह संकट और बढ़ गया. डिमांड में कमी को दूर करने के लिए सरकार और रिजर्व बैंक ने तमाम कोशिशें की हैं, लेकिन अभी तक आशातीत सुधार नहीं आया है.
राजकोषीय घाटा 7.9 फीसदी रह सकता है
इस रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में सरकार का राजकोषीय घाटा 17.38 लाख करोड़ से 17.68 लाख करोड़ के बीच रह सकता है. 222.9 लाख करोड़ के नॉमिनल जीडीपी के आधार पर फिस्कल डेफिसिट 7.8-7.9 फीसदी के बीच रह सकता है. इसके अलावा बैंकों का NPA मार्च 2022 तक बढ़कर 10-10.50 फीसदी तक पहुंच जाने का अनुमान है.
Forex reserves 630 बिलियन डॉलर हो सकता है
चालू वित्त वर्ष में ट्रेड डेफिसिट जीडीपी का 0.50-1.0 फीसदी के बीच रह सकता है. चालू वित्त वर्ष में फॉरन पोर्टफोलियो इन्वेस्टमेंट यानी FPI पिछले साल के मुकाबले कम रहने का अनुमान है. इस साल यह 18-22 अरब डॉलर के बीच रह सकता है. देश का फॉरन एक्सचेंज रिजर्व बढ़कर 620-630 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है.
Shiddhant Shriwas
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