भारत इस साल 15 अगस्त को आजादी की 75 वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने जा रहा है आजादी से लेकर अब तक भारत में काफी बदलाव आ चुके हैं फिर चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो या हेल्थ सेक्टर में लेकिन इन दोनों में एक चीज जो कॉमन है वह तकनीक जैसे जैसे समय बीता तकनीक भी पहले से बेहतर हुई है और तकनीक की वजह से ही हर क्षेत्र विश्व स्तर पर नाम कमा रहा है. आज जो कॉल हम करते हैं उसके लिए हमें हर मिनट कुछ पैसों का खर्च आता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में पहली मोबाइल कॉल कब की गई थी और इसके लिए कितना खर्च आया था. अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हम आपको इस बारे में बताने जा रहे हैं.
इस साल हुई थी भारत की पहली कॉल
आपको बता दें कि भारत की पहली मोबाइल कॉल 31 जुलाई साल 1995 में की गई थी यह कॉल पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु ने यूनियन कम्युनिकेशन मिनिस्टर सुखराम को मिलाई थी. यह पहला मौका था जब किसी भारतीय ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था और कॉल पर बात की थी भारत के लिए यह मौका बेहद ही खास था.
कितना था एक मिंनट कॉलिंग का खर्च
ये तो आप जान चुके हैं कि भारत की पहली मोबाइल कॉल साल 1995 में की गई थी लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस कॉल को करने के लिए 1 मिनट का जो खर्च लगा था वह कितना था. अभी आप कॉलिंग के लिए या तो अनलिमिटेड पैक का इस्तेमाल करते हैं या फिर आप अपने फोन में टॉप अप एक्टिवेट करवाते हैं. अनलिमिटेड कॉलिंग के लिए आपको एक बार महीने या साल के लिए प्लान एक्टिवेट करवाना होता है उसके बाद आपको कोई रकम अदा नहीं करनी पड़ती, जबकि टॉप अप में आपको मिनट के हिसाब से चार्ज किया जाता है जिसमें 1 मिनट के लिए 10 पैसे से लेकर ₹1 तक का कॉलिंग रेट है, लेकिन भारत की जो पहली कॉल की गई थी उसके 1 मिनट का खर्च 8.4 रुपये था. उस जमाने के हिसाब से यह एक बड़ी रकम हुआ करती थी और हर कोई इस रकम को अफोर्ड नहीं कर सकता था. ऐसे में ज्यादातर लोग लैंडलाइन मोबाइल पर ही निर्भर हुआ करते थे लेकिन जैसे-जैसे समय बीता कॉलिंग के रेट भी डाउन हुए और अब यह काफी किफायती हो गए है. आपको बता दें कि भारत की पहली मोबाइल कॉल नोकिआ फोन से की गई थी.