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भारत होगा 25 देशों में पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी: SBI रिपोर्ट

Gulabi
25 May 2021 10:48 AM GMT
भारत होगा 25 देशों में पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी: SBI रिपोर्ट
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SBI रिपोर्ट

देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बीते वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 1.3 प्रतिशत रहेगी. एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट इकोरैप में यह अनुमान लगाया गया है.रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते पूरे वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में करीब 7.3 प्रतिशत की गिरावट आने का अनुमान है.


राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) मार्च तिमाही तथा 2020-21 के लिए जीडीपी का शुरुआती अनुमान 31 मई को जारी करेगा.रिपोर्ट में कहा गया है, ''हमारे 'नाउकास्टिंग मॉडल' के अनुसार चौथी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है. एनएसओ ने चौथी तिमाही में एक प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है.''

7.3 फीसदी गिरावट का अनुमान

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी में करीब 7.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान है. पहले उसने पूरे वित्त वर्ष में 7.4 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था. भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने स्टेट बैंक इंस्टिट्यूट ऑफ लीडरशिप (एसबीआईएल), कोलकाता के साथ सहयोग में 'नाउकास्टिंग मॉडल' विकसित किया है, जो औद्योगिक गतिविधि, सेवा गतिविधि और वैश्विक अर्थव्यवस्था के 41 उच्च चक्रीय संकेतकों पर आधारित है.

25 देशों में 5वीं तेजी से बढती इकोनॉमी

रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.3 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान के आधार पर भारत 25 देशों में पांचवीं सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगा. इन 25 देशों ने ही अपने जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं. इससे पहले केयर रेटिंग एजेंसी द्वारा किये गये इस सर्वेक्षण में 80 फीसदी जवाब देने वालों ने कहा कि कोविड- 19 की मौजूदा स्थिति के चलते गैर- जरूरी सामानों की मांग और निवेश पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है. उनका कहना है, संक्रमण के मामले रिकार्ड ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं ऐसे में आर्थिक क्षेत्र में आ रहे सुधार की गति धीमी पड़ने लगी है. जवाब देने वाले प्रत्येक 10 में से करीब करीब सात लोगों को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2021- 22 में जीडीपी ग्रोथ 9 फीसदी से नीचे रह सकती है.

क्रिसिल ने घटाया था अनुमान

वहीं रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने भी कहा था कि भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट सामान्य स्थिति में घटकर 9.8 फीसदी रह सकती है. यह तब होगा जब कोरोना वायरस की दूसरी लहर मई में अपने चरम पर पहुंचकर नीचे आ जाती है. लेकिन यदि यह जून अंत तक जारी रहती है तो तब आर्थिक वृद्धि की गति और कम होकर 8.2 फीसदी रह जायेगी.
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