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भारत ने GI टैग वाले चीकू का शुरू किया एक्सपोर्ट, किसानों को होगा ज्यादा लाभ
Apurva Srivastav
20 May 2021 5:45 PM GMT
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चीकू की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर सामने आई है
चीकू की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी खबर सामने आई है. भारत ने अब चीकू का एक्सपोर्ट करना शुरू कर दिया है. इसका सीधा लाभ चीकू की खेती करने वाले किसानों को मिलेगा. मीठे और अनोखे स्वाद वाले चीकू की भारत में हमेशा मांग बनी रहती है और अब एक्सपोर्ट शुरू होने से किसान लाभांवित होंगे.
इसी महीने भारत ने दक्षिण अफ्रीका को GI (Geographical Indication) टैग प्राप्त आम एक्सपोर्ट किया था. इसके बाद बाद एपीडा (Agricultural and Processed Foods Export Development Agency) की मदद से महाराष्ट्र के पालघर जिले से डहाणू घोलवड सपोटा की एक खेप को यूनाइटेड किंगडम (UK) एक्सपोर्ट किया गया है. घोलवड सपोटा का जीआई प्रमाणीकरण महाराष्ट्र राज्य चीकू उत्पादक संघ के पास है. यह फल अपने मीठे और अनोखे स्वाद के लिए जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि घोलवाड गांव की कैल्शियम युक्त मिट्टी से यहां के चीकू को अद्वितीय स्वाद प्राप्त होता है. भारत में सपोटा का प्रचलित नाम चीकू है.
पालघर जिले में 5 हजार किसान कर रहे सपोटा की खेती
वर्तमान में पालघर जिले में 5000 एकड़ जमीन पर चीकू की खेती हो रही है और करीब 5000 किसान इस काम से जुड़े हुए हैं. लेकिन इनमें से चीकू की खेती करने वाले मात्र 147 किसान ही अधिकृत जीआई उपयोगकर्ता हैं. अधिकृत जीआई उपयोगकर्ता किसानों से प्राप्त दहाणू घोलवड सपोटा को गुजरात के तापी स्थिति एपीडा से सहायता प्राप्त एक पैक हाउस में छांटा जाता है और इनकी ग्रेडिंग की जाती है. इसके बाद यहीं से एक्सपोर्ट का काम होता है.
एपीडा के अध्यक्ष डॉक्टर एम अंगमुथू ने एक बयान में कहा कि अगर मुख्य धारा के खरीदारों को टारगेट किया जाए तो चीकू का एक्सपोर्ट कई गुना बढ़ सकता है. चीकू के साथ सबसे अच्छी बात है कि इसे साल भर उगाया जा सकता है.
चीकू का सबसे बड़ा उत्पादक कर्नाटक
एपीडा जीआई टैग प्राप्त उत्पादों के एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने पर जोर दे रहा है. अपनी विशिष्ट पहचान और वास्तविक गुणवत्ता रखने वाले जीआई प्रमाणित उत्पादों की किसी से प्रतिस्पर्धा नहीं है. इस कारण बड़े पैमाने पर इनका एक्सपोर्ट आसानी से किया जा सकता है.
महाराष्ट्र के अलावा भारत के अन्य राज्यों में भी बड़े पैमाने पर चीकू का उत्पादन होता है. कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में किसान चीकू की खेती प्रमुखता से करते हैं. आंकड़ों के मुताबिक, देश में चीकू का सबसे ज्यादा उत्पादन करने वाला राज्य कर्नाटक है. दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र आता है. फल के अलावा भी इसका कई रूपों में इस्तेमाल किया जाता है और प्रोसेसिंग कर इससे जैम भी बनाने का काम होता है.
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