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भारत ने संकट से घिरे श्रीलंका को भेजा 40,000 टन पेट्रोल, ईंधन की भारी कमी को कम करने में मिलेगी मदद

Shiddhant Shriwas
23 May 2022 3:51 PM GMT
भारत ने संकट से घिरे श्रीलंका को भेजा 40,000 टन पेट्रोल, ईंधन की भारी कमी को कम करने में मिलेगी मदद
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत ने ऋण सुविधा के तहत 40,000 टन डीजल (Diesel) की आपूर्ति के कुछ दिनों बाद श्रीलंका (Srilanka) को लगभग 40,000 टन पेट्रोल भेजा है. भारत का उद्देश्य अपने सबसे खराब आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहे कर्ज (Debt) में डूबे इस द्वीपीय राष्ट्र (श्रीलंका) में ईंधन की भारी कमी को कम करने में मदद करना है. भारत ने पड़ोसी देश को ईंधन आयात करने में मदद करने के लिए पिछले महीने 50 करोड़ डॉलर की अतिरिक्त ऋण सुविधा दी थी. श्रीलंका हाल के दिनों में अपने विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से गिरावट के बाद आयात के लिए भुगतान संकट से जूझ रहा है.

भारतीय उच्चायोग ने यहां एक ट्वीट में कहा कि प्रतिबद्धता पूरी हुई. भारतीय सहायता के तहत लगभग 40,000 टन पेट्रोल आज कोलंबो पहुंचा. भारत ने शनिवार को ऋण सुविधा के तहत श्रीलंका को 40,000 टन डीजल भेजा था.
श्रीलंका में गैर-जरूरी कर्मचारियों को घर पर रहने को कहा गया
श्रीलंका सरकार ने पेट्रोल-डीजल की किल्लत को देखते हुए अपने गैर-जरूरी कर्मचारियों को घर पर रहने को कहा है. सांसदों ने संसद के अध्यक्ष से उन्हें होटलों में रहने की जगह देने को कहा है, क्योंकि वे परिवहन ईंधन के अभाव में अपने घर से संसद नहीं पहुंच पा रहे हैं.
इसके अलावा आपको बता दें कि भारत ने श्रीलंका को सुनिश्चित किया है कि मौजूदा आर्थिक संकट का असर श्रीलंका की धान की पैदावर पर न पड़े, इसके लिए भारत तुरंत 65 हजार मीट्रिक टन यूरिया की सप्लाई करेगा. श्रीलंका में धान की पैदावार दो सीजन में की जाती है. पहले सीजन के लिए बुवाई मई में शुरू हो जाती है. वहीं दूसरे सीजन में बुवाई सितंबर में शुरू होती है. सितंबर सीजन में धान की फसल पर असर पड़ने की वजह से सरकार के लिए मौजूदा सीजन में धान की फसल का उत्पादन बढ़ना काफी अहम हो गया है.
बता दें कि श्रीलंका फिलहाल अपनी आजादी के बाद के सबसे बड़े आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश में खाने पीने के सामान की किल्लत हो चुकी है. फिलहाल सरकार स्थितियों को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है जिसमें सबसे अहम है कि देश के खाद्यान्न उत्पादन पर कोई असर न पड़े. इसी वजह सीजन शुरू होने से पहले श्रीलंका सरकार ने जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. जिसमें से एक यूरिया की सप्लाई भी है


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