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कोरोना की दूसरी लहर को देख इंडिया रेटिंग्स ने घटाया GDP वृद्धि अनुमान, कहा-10.1 फीसदी रहेगी इस साल विकास दर
Deepa Sahu
24 April 2021 10:24 AM GMT
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देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: देश में जारी कोरोना की दूसरी लहर का असर अर्थव्यवस्था पर पड़ना तय है। इसीलिए इंडिया रेटिंग्स ने देश की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान घटा दिया है। रेटिंग एजेंसी ने शुक्रवार को वर्ष 2021-22 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद दर का वृद्धि अनुमान पहले के 10.4 प्रतिशत से घटाकर 10.1 प्रतिशत कर दिया है। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर को देखते हुए यह संशोधन किया गया है।
इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि जब देश के बड़े हिस्से में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से चिकित्सा सुविधाओं पर भारी दबाव है। ऐसे में एजेंसी ने कहा है कि कोरोना की यह दूसरी लहर मध्य मई से कमजोर पड़नी शुरू हो जाएगी।
रिजर्व बैंक ने कहा-10.5 फीसदी रहेगी जीडीपी दर
रिजर्व बैंक ने भी इस माह की शुरुआत में जारी मौद्रिक नीति की समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। हालांकि गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस दौरान देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को वृद्धि के रास्ते में आने वाली सबसे बड़ी अड़चन बताया।
अन्य ब्रोकरेज कंपनियां और विश्लेषक भी कोरोना वायरस की दूसरी लहर को देखते हुए भारत की आर्थिक वृद्धि के अपने अनुमानों को कम कर रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में भारत की जीडीपी दर में 7.6 प्रतिशत गिरावट आने का अनुमान है।
दूसरी लहर का ज्यादा आर्थिक प्रभाव नहीं
इंडिया रेटिंग्स ने कहा है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर का आर्थिक प्रभाव इतना ज्यादा नहीं होगा जैसा कि पहली लहर का पड़ा था। इसकी वजहए पहली लहर के चरम पर पहुंचने के समय जितने मामले थे उसके मुकाबले दूसरी लहर में दैनिक मामलों की संख्या तीन गुना तक पहुंच जाने के बावजूद लॉकडाउन स्थानीय स्तर तक ही सीमित रखा जा रहा है।
इसके साथ ही कोरोना वायरस का टीका लगने से भी सुरक्षा बढ़ेगी। देश में 21 अप्रैल तक 13.20 करोड़ लोगों को टीका लग चुका है। सरकार ने एक मई से सभी वयस्कों को टीका लगाने की घोषणा की है इसके लिए 176ण्80 करोड़ खुराक की आवश्यकता होगी। टीके का उत्पादन और टीकाकरण की रफ्तार दोनों ही कोरोना के बढ़ते मामलों को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण होंगे। एजेंसी ने कहा है कि यही वजह है कि इंडिया रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2021-22 की जीडीपी वृद्धि के अनुमान को पहले के 10.4 फीसद से घटाकर 10.1 फीसद कर दिया है।
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