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इंडिया रेटिंग्स ने फिस्कल डेफिसिट का टार्गेट घटाकर GDP का 3.6% किया

Bhumika Sahu
19 Feb 2022 4:15 AM GMT
इंडिया रेटिंग्स ने फिस्कल डेफिसिट का टार्गेट घटाकर GDP का 3.6% किया
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इंडिया रेटिंग्स ने अपनी हालिया रिपोर्ट में राज्यों की माली हालत में सुधार की बात कही है. उसने कहा कि राज्यों का फिस्कल डेफिसिट घटकर जीडीपी का 3.6 फीसदी रहेगा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रेवेन्यू में आए उछाल के कारण अगले वित्त वर्ष में राज्यों की माली हालत में सुधार होता दिख रहा है. रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स (India Ratings) ने वित्त वर्ष 2022-23 में राज्यों के फाइनेंशियल आउटलुक को अपग्रेड कर इसे 'न्यूट्रल' से 'इंप्रूविंग' कर दिया है. उसने कहा है कि राजस्व वृद्धि के दम पर राज्यों का कुल राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) उनके सकल घरेलू उत्पाद (States GDP) का 3.6 फीसदी पर आ सकता है. इसके पहले रेटिंग एजेंसी ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष में राज्यों का राजकोषीय घाटा उनके जीडीपी के 4.1 फीसदी तक रह सकता है. वित्त वर्ष 2021-22 में इसके जीडीपी का 3.5 फीसदी रहने का पूर्वानुमान जताया गया है. इंडिया रेटिंग्स ने शुक्रवार को अपने एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए उसका पिछला पूर्वानुमान 'न्यू्ट्रल' का था लेकिन अब इसे बदलकर 'इंप्रूविंग' किया जा रहा है. उसने कहा कि राजस्व प्राप्तियां बेहतर रहने और बाजार मूल्य पर जीडीपी में उच्च वृद्धि रहने की संभावना से उसने अपने परिदृश्य अनुमान को संशोधित किया है.

एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष में राष्ट्रीय स्तर पर बाजार मूल्य पर जीडीपी की वृद्धि दर 17.6 फीसदी रहने का भी अनुमान जताया है जो 15.6 फीसदी के पिछले पूर्वानुमान से बेहतर है. उसने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 में राज्यों की सकल बाजार उधारी 6.6 लाख करोड़ रुपए और शुद्ध बाजार उधारी 4.6 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है जो कि 8.2 लाख करोड़ रुपए और 6.2 लाख करोड़ रुपए के पिछले अनुमान से कम है.
अगले फिस्कल में बाजार उधारी 7 लाख करोड़ रहने का अनुमान
अगले वित्त वर्ष में सकल बाजार उधारी सात लाख करोड़ रुपए और शुद्ध बाजार उधारी 4.63 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान रेटिंग एजेंसी ने जताया है. राज्यों की राजस्व प्राप्तियां बढ़ने और केंद्र से ज्यादा कर हिस्सेदारी मिलने से हालात सुधरने की उम्मीद है.
26 राज्यों से मिली सूचना के आधार पर रिपोर्ट तैयार
रेटिंग एजेंसी के अनुसार उसका पूर्वानुमान चालू वित्त वर्ष में 26 राज्यों से प्राप्त सूचना पर आधारित है. इन राज्यों की सकल राजस्व प्राप्ति अप्रैल-नवंबर के दौरान सालाना आधार पर 25.1 फीसदी बढ़कर 16.4 लाख करोड़ रुपए रही. जबकि इस अवधि में उनका राजस्व व्यय केवल 12 फीसदी बढ़ा.
भारत का फिस्कल डेफिसिट 6.9 फीसदी रहने का अनुमान
बजट 2022 के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) का अनुमान बढ़कार 6.9 फीसदी कर दिया गया है. अगले वित्त वर्ष के लिए भारत का राजकोषीय घाटा का लक्ष्य जीडीपी का 6.4 फीसदी रखा गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा था कि चालू वर्ष के दौरान कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जबकि कुल आय 22.84 लाख करोड़ रुपए रहेगी.


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