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पहली छमाही में कोयला आयात
देश का कोयला आयात चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह (अप्रैल-सितंबर) के दौरान 12.6 फीसदी बढ़कर 10.73 करोड़ टन पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में कोयला आयात 9.53 करोड़ टन रहा था. एमजंक्शन सर्विसेज के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
एमजंकशन टाटा स्टील और सेल का संयुक्त उद्यम है. यह एक बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी है जो कोयले पर शोध रपट भी प्रकाशित करती है. हालांकि, सितंबर महीने में कोयला आयात घटकर 1.48 करोड़ टन रह गया, जो पिछले साल के समान महीने में 1.90 करोड़ टन से अधिक था. सितंबर में कोयले के आयात में 21.97 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
सितंबर में आयात में आई गिरावट
एमजंक्शन सर्विसेज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कहा, ''सितंबर में कोयले के आयात में गिरावट उम्मीद के अनुकूल है. इसकी वजह वैश्विक बाजारों में तापीय और कोकिंग कोयले की कीमतों में बढ़ोतरी है. समुद्री मार्ग से आने वाले कोयले की कीमतों में जबतक उल्लेखनीय कमी नहीं आती है, यह रुख जारी रहेगा.''
नॉन-कोकिंग कोल का हिस्सा 92.2 लाख टन
सितंबर में कुल कोयला आयात में नॉन-कोकिंग कोल का हिस्सा 92.2 लाख टन रहा. पिछले साल सितंबर में यह आंकड़ा 1.19 करोड़ टन रहा था. वहीं इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात 45.8 लाख टन से घटकर 42.7 लाख टन पर आ गया. एमजंक्शन ने कहा कि सितंबर में प्रमुख और गैर-प्रमुख बंदरगाहों के जरिये देश के कोयला आयात में इससे पिछले महीने अगस्त, 2021 की तुलना में करीब 2.4 फीसदी की गिरावट आई है.
रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य
बता दें कि कोल क्राइसिस जैसी घटनाओं के बीच सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी को लेकर महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. सरकार ने 2070 तक नेट आधार पर जीरो कार्बन इमिशन का लक्ष्य रखा है. जलवायु सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत रिन्यूएबल एनर्जी की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि 2030 तक भारत जितनी उर्जा का उत्पादन करता है उसमें आधा से ज्यादा प्रोडक्शन ग्रीन एनर्जी से होगा.
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