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कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच भारत-चीन के निर्यात में हुई वृद्धि, जाने बाते

Bhumika Sahu
14 July 2021 3:04 AM GMT
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच भारत-चीन के निर्यात में हुई वृद्धि, जाने बाते
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कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बीच भारत को चीन के निर्यात में बड़ी वृद्धि हुई है. इसमें विशेष रूप से ऑक्सीजन कांसन्ट्रेटर, वेंटिलेटर, चिकित्सा सामग्री और दवाओं के निर्यात का योगदान रहा.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। चीन और भारत का द्विपक्षीय व्यापार साल की पहली छमाही में 57.48 अरब डॉलर रहा. यह सालाना आधार पर 62.7 प्रतिशत अधिक है. लद्दाख में जारी गतिरोध और कोविड-19 महामारी के बीच हाल के वर्षों में यह सर्वाधिक है. चीन के सीमा शुल्क विभाग के आंकड़े से यह जानकारी मिली. हालांकि चीन को भारत निर्यात सालाना आधार पर 69.6 प्रतिशत बढ़ा। लेकिन इसके बाद भी व्यापार घाटा उछलकर 55.6 प्रतिशत पर पहुंच गया.

सीमा शुल्क विभाग के आंकड़े के अनुसार भारत का चीन को निर्यात साल की पहले छह महीने में 69.6 प्रतिशत बढ़कर 14.724 अरब डॉलर रहा. वहीं चीन से भारत का आयात 60.4 प्रतिशत बढ़कर 42.755 अरब डॉलर रहा.
28.03 अरब रहा व्यापार घाटा
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आलोच्य अवधि में दोनों देशों के बीच व्यापार घाटा 28.03 अरब डॉलर रहा जो सालाना आधार पर 55.6 प्रतिशत अधिक है. दोनों देशों के बीच पिछले साल मई से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के साथ व्यापार का यह आंकड़ा उल्लेखनीय है. चीन का कुल व्यापार इस साल के पहले छह माह में 27.1 प्रतिशत बढ़कर 18,070 अरब युआन (करीब 2,790 अरब डॉलर) रहा. इसमें निर्यात 28.1 प्रतिशत बढ़ा जबकि आयात में 25.9 प्रतिशत का उछाल आया.
कोविड के दूसरे लहर के बीच बढ़ा निर्यात
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के परिणामस्वरूप भारत को चीन के निर्यात में बड़ी वृद्धि हुई है. इसमें विशेष रूप से ऑक्सीजन कांसन्ट्रेटर, वेंटिलेटर, चिकित्सा सामग्री और दवाओं के निर्यात का योगदान रहा. जबकि चीन को भारत ने खास कर लौह अयस्क, स्टील, एल्यूमीनियम और तांब का निर्यात किया. यूं तो चीन को सबक सिखाने के लिए भारत ने कई चीजों पर प्रतिबंध लगाया जिनमें सबसे तगड़ा झटका चाइनीज एप्स को बैन करने से लगा. लेकिन इसके बावजूद भी कई ऐसी चीजें है जिसके लिए हम अब भी चीन पर निर्भर हैं.
उधर भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव बरकरार है. हालांकि, चीन का कहना है कि दोनों मुल्कों के बीच सीमा स्थिति स्थिर और दोनों ही पक्ष इस विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत का रास्ता निकाल रहे हैं. बीजिंग का कहना है कि भारत सरकार के शब्द ही सीमा पर जारी स्थिति को सुधारने के लिए लाभदायक होने चाहिए. लेकिन चीन के ये बयान इसलिए भी विरोधाभासी नजर आ रहे हैं, क्योंकि चीन सीमा पर जवानों और हथियारों की तैनाती को बढ़ा रहा है.


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