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दुनिया का केंद्र डिजिटल एजुकेशन
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अमिताभ कांत ने शुक्रवार को कहा कि निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका और सार्वजनिक क्षेत्र के चीजों को सुगम बनाने के साथ भारत शिक्षा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में दुनिया की राजधानी बन सकता है. 'पब्लिक अफेयर्स फोरम ऑफ इंडिया' (PAFI) के डिजिटल तरीके से आयोजित सम्मेलन में कांत ने यह भी कहा कि भारत को शिक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार करने की जरूरत है और प्रौद्योगिकी इस इस संदर्भ में देश को आगे ले जाने में मदद कर सकती है.
उन्होंने कहा, ''मुझे विश्वास है कि निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका और सार्वजनिक क्षेत्र के चीजों को सुगम बनाने के साथ भारत शिक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया की राजधानी बन सकता है.'' कांत ने कहा कि सस्ती इंटरनेट सुविधा और प्रौद्योगिकी आधारित अवसंरचना ही देश में शिक्षा क्षेत्र को आगे बढ़ाने का एकमात्र तरीका है. उन्होंने कहा, ''केवल भौतिक अवसंरचना पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होगा.'' नीति आयोग के सीईओ के अनुसार, भारतीय शिक्षा प्रौद्योगिकी परिवेश में विकास की काफी संभावनाएं हैं.
भारत प्रतिभा का केंद्र बन सकता है
उन्होंने कहा, ''लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि देश प्रगति करेगा, छात्र सीखेंगे, और शिक्षा के परिणामों में सुधार होगा.'' व्यापक शिक्षा प्रौद्योगिकी ढांचा खासकर वंचित समूह के बीच शिक्षा की बेहतर पहुंच में मददगार होगा.'' इसी कार्यक्रम में बायजू के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन ने कहा कि शिक्षा प्रौद्योगिकी (एडटेक) के माध्यम से, छात्रों के लिए सीखने का अवसर है. इतना ही नहीं, भारत शिक्षकों के लिए एक वैश्विक प्रतिभा केंद्र भी बन सकता है.
बायजू तेजी से कर रहा है अपना विस्तार
ऑनलाइन एजुकेशन की दुनिया में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए बायजू एक के बाद एक अधिग्रहण करती जा रही है. Byju ने सितंबर के महीने में अमेरिकन कोडिंग प्लैटफॉर्म Tynker का अधिग्रहण किया था. कैलिफोर्निया आधारित यह कंपनी 12 वीं के बच्चों को कोडिंग सिखाती है. यह डील कितने में हुई है, इसको लेकर फिलहाल जानकारी नहीं है. इस साल यह बायजू का 9वां अधिग्रहण था. माना जा रहा है कि अमेरिकन मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए बायजू ने यह डील की है. इससे पहले जुलाई में कंपनी ने अमेरिकन डिजिटल रीडिंग प्लैटफॉर्म Epic का 500 मिलियन डॉलर में अधिग्रहण किया था. उस समय कंपनी ने कहा था कि वह अगले तीन सालों में अमेरिकन बाजार में अपने विस्तार के लिए 7500 करोड़ (1 बिलियन डॉलर) खर्च करेगी.
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