व्यापार
भारत और मॉरीशस व्यापारिक संबंधों को बदलने का किया फैसला, आर्थिक समझौते पर किए हस्ताक्षर
Apurva Srivastav
23 Feb 2021 4:45 PM GMT
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भारत और मॉरीशस ने एक व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं
भारत और मॉरीशस ने एक व्यापक आर्थिक सहयोग और भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और बेहतर बनाने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है. भारत ने मॉरीशस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को बदलने का फैसला किया, क्योंकि यह पाया गया कि मॉरीशस के साथ पहले के दोहरे कराधान से बचाव (डीटीए) संधि का भारत में अवैध धन को नियंत्रित करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा था.
दरअसल टैक्स लाभ ने भारत को मॉरीशस को देश में सबसे बड़े प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का आपूर्तिकर्ता बना दिया. तब से पहले की व्यापार प्रणाली में विभिन्न खामियों को दूर किया गया है.
इन नियमों के आधार पर हुआ समझौता
नए सीईसीपीए समझौते पर भारतीय वाणिज्य सचिव अनूप वधावन और राजदूत हेमांडोयल डिलम, विदेश मामलों के सचिव ने पोर्ट लुइस में मॉरीशस के प्रधानमंत्री और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए. सीईसीपीए भारत द्वारा अफ्रीका के किसी देश के साथ हस्ताक्षरित पहला व्यापार समझौता है. संधि एक सीमित समझौता है, जो वस्तु व्यापार, नियमों के मूल, सेवा व्यापार, तकनीकी बाधाएं (टीबीटी), स्वच्छता (एसपीएस) उपाय, विवाद निपटान, दूरसंचार, वित्तीय सेवाएं सीमा शुल्क प्रक्रियाओं और अन्य क्षेत्रों में सहयोग को कवर करेगा.
310 वस्तुओं का निर्यात
यह व्यापार समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार को प्रोत्साहित करने और बेहतर बनाने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है. भारत और मॉरीशस के बीच सीईसीपीए भारत के लिए 310 निर्यात वस्तुओं को शामिल करता है. इसमें खाद्य सामग्री और पेय पदार्थ, कृषि उत्पाद, कपड़ा, धातु और और इलेक्ट्रॉनिक आइटम, प्लास्टिक और रसायन , लकड़ी और अन्य सामान शामिल हैं. मॉरीशस अपने 615 उत्पादों के लिए भारत में तरजीही बाजार तक पहुंच से लाभान्वित होगा. इनमें फ्रोजेन फिश, चीनी, बिस्कुट, ताजे फल, जूस, खनिज पानी, बीयर, मादक पेय, साबुन, बैग, चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरण शामिल हैं.
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