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वैक्सीन निर्यात में भी भारत के पास अव्वल बनने का अवसर, 11 अरब डॉलर के मार्केट पर रहेगी नजर

Shiddhant Shriwas
17 Aug 2021 8:09 AM GMT
वैक्सीन निर्यात में भी भारत के पास अव्वल बनने का अवसर, 11 अरब डॉलर के मार्केट पर रहेगी नजर
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केयर रेटिंग्स के अनुसार ज्यादातर घरेलू मांग मार्च 2022 तक पूरी होने की उम्मीद है. इस समय तक यूरोप, उत्तरी अमेरिका और विकसित एशियाई देशों जैसे बाजारों में निर्यात के अवसर पूरी तरह खत्म होने का अनुमान है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। केयर रेटिंग्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि भारत के दवा उद्योग के सामने अगले तीन वर्षों के दौरान घरेलू और निर्यात बाजार में कोविड-19 की वैक्सीन आपूर्ति के रूप में 10 से 11 अरब अमेरिकी डॉलर के अवसर हैं. रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट में अनुमान जताया कि भारतीय वैक्सीन विनिर्माताओं को अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनियों की तरह बहुत अच्छी कीमत नहीं मिल पाएगी. अमेरिका में एक खुराक की कीमत 15 डॉलर से 25 डॉलर के बीच है.

वहीं भारतीय कंपनियों को एक खुराक के लिए 3.25 डॉलर से 3.50 डॉलर तक मिलने की उम्मीद है. रिपोर्ट में कहा गया, ''केयर रेटिंग्स को भारतीय वैक्सीन निर्माताओं के लिए अगले तीन वर्षों के दौरान कम से कम 10-11 अरब अमेरिकी डॉलर की आपूर्ति अवसरों की उम्मीद है. इसमें घरेलू आपूर्ति और निर्यात, दोनों शामिल हैं.''

मार्च 2022 तक मांग पूरी होने की उम्मीद

केयर रेटिंग्स के अनुसार ज्यादातर घरेलू मांग मार्च 2022 तक पूरी होने की उम्मीद है. इस समय तक यूरोप, उत्तरी अमेरिका और विकसित एशियाई देशों जैसे उच्च आय वाले बाजारों में निर्यात के अवसर पूरी तरह खत्म होने का अनुमान है. रिपोर्ट में कहा गया कि हालांकि चीन और जापान को छोड़कर एशिया और कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों, अफ्रीका में निर्यात के अवसर बने रहेंगे.

जारी रहेगा विदेशों में निर्यात

दरअसल वैक्सीन पर राजनीति भी जमकर हुई है. सरकार पर विपक्ष ने निर्यात को लेकर भी आरोप लगाए तो सरकार ने भी साफ कर दिया था कि वैक्सीन का विदेशों में निर्यात जारी रहेगा. अप्रैल के महीने में एक रिपोर्ट आई थी जिसके मुताबिक पिछले कुछ समय पहले नेपाल की ओर से भारत से 5 मिलियन से अधिक वैक्सीन की खुराक प्राप्त करने के लिए संपर्क करने की बात सामने आई थी. जिस पर भारत सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई थी. इस बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि भारत ने विदेशों में टीके भेजने का बीड़ा उठाया है, जो जारी रहेगा. "इस समय, मुझे उम्मीद है कि हमारे साथी यह समझते हैं कि टीके मुख्य रूप से घरेलू खपत के लिए लगाए जाते हैं. मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि हमने टीकों पर कोई निर्यात प्रतिबंध नहीं लगाया है."

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