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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें बन रही विकास में बाधा, आम जनता के साथ सरकार की भी बढ़ी चिंता
Ritisha Jaiswal
13 March 2021 1:06 PM GMT
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पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से केवल आम जनता ही परेशान नहीं है. बल्कि इसका असर इकोनॉमी की गति पर भी देखा जा रहा है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क |पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से केवल आम जनता ही परेशान नहीं है. बल्कि इसका असर इकोनॉमी की गति पर भी देखा जा रहा है.पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से केवल आम जनता ही परेशान नहीं है. बल्कि इसका असर इकोनॉमी की गति पर भी देखा जा रहा है.तेल की कीमतें आसमान छूने के कारण फरवरी महीने में लगातार दूसरे महीने ईंधन की खपत में कमी आई है. इसका सीधा मतलब है कि डिमांड में कमी होगी तो तेल कंपनियों और सरकारी खजाने पर भी इसका असर दिखेगा जिसके चलते इकोनॉमी के पहिए की रफ्तार भी धीमी होगी.
दरअसल बढ़ती ईंधन की कीमतें भारत में मांग की स्थिति को प्रभावित कर रही हैं. कोविड के कारण लॉकडाउन के बाद की स्थिति में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयासों में भी तेजी आई है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में देश की ईंधन की खपत में लगातार गिरावट आई. लगातार दूसरे महीने ईंधन की बढ़ती कीमतों के बीच मांग में कमी आई है.
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़ें
फरवरी में खपत में कमी सितंबर के बाद से सबसे कम है. उसी समय से यह स्पष्ट होने लगा था कि सबसे खराब स्थिति है और मांग बढ़ रही है. तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल (पीपीएसी) के अनुसार, फरवरी में ईंधन की खपत (बड़े पैमाने पर पेट्रोल और डीजल) 4.9 प्रतिशत गिरकर 17.2 मिलियन टन रह गई. मासिक आधार पर भी मांग में 4.6 प्रतिशत की गिरावट आई है. इससे यह पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को पूरी तरह पटरी आने की राह में अभी भी कई अड़चनें हैं.
अभी दूर है इकोनॉमी में रिकवरी
हालांकि एक स्पष्ट संकेत है कि पूरी रिकवरी अभी भी दूर है और डीजल खपत के आंकड़ों को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है क्योंकि ईंधन देश में सभी प्रकार के सामानों के परिवहन का प्रमुख स्रोत है और भारत में कुल ईंधन की बिक्री का लगभग 40 प्रतिशत है. माह के आधार पर फरवरी में डीजल की खपत 3.8 प्रतिशत घटकर 6.55 मिलियन टन रह गई. वार्षिक आधार पर इसकी गिरावट 8.5 प्रतिशत रही.
6.5 फीसदी घटी पेट्रोल की बिक्री
दूसरी ओर, फरवरी में पेट्रोल की बिक्री 6.5 प्रतिशत घटकर 2.44 मिलियन टन रह गई, जबकि एक साल पहले इसकी बिक्री में लगभग 3 प्रतिशत की गिरावट थी. देश में इस साल पेट्रोल और डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. कई शहरों में पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गईं.
Ritisha Jaiswal
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