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Income Tax Savings: 10 लाख रुपये की सैलरी पर भी नहीं देना होगा टैक्स, खर्चों का हिसाब रखना है बेहद जरूरी

Tulsi Rao
12 Dec 2021 11:28 AM GMT
Income Tax Savings: 10 लाख रुपये की सैलरी पर भी नहीं देना होगा टैक्स, खर्चों का हिसाब रखना है बेहद जरूरी
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जैसे जैसे हमारी कमाई बढ़ती है, टैक्स देनदारी भी बढ़ती है, लेकिन अगर थोड़ा स्मार्ट तरीके से टैक्स प्लानिंग की जाए तो टैक्स देनदारी को काफी कम किया जा सकता है बल्कि जीरो टैक्स भी किया जा सकता है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Income Tax Savings: अगर आप भी टैक्स देते हैं तो आपके लिए काम की खबर है. आपकी सैलरी 10 लाख रुपये सालाना से भी ज्यादा है, और आप अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा सरकार को टैक्स के रूप में जा रहा है. आपको लगता है कि आपके पास टैक्स बचाने का कोई रास्ता नहीं है इसलिए टैक्स देना ही सही है तो आप गलत है. अगर आपकी सैलरी 10.5 लाख रुपये सालाना भी है तब भी आपको टैक्स के रूप में 1 रुपया भी नहीं देना होगा.

10 लाख रुपये की सैलरी पर भी नहीं देना होगा टैक्स
इसके लिए आपको सेविंग और खर्चों को इस हिसाब से रखना है ताकि आप उस पर मिल रही टैक्स छूट का पूरा पूरा फायदा उठा सके. हम आपको बहुत आसान शब्दों में ये तरीका समझाने जा रहे हैं. जिसके बाद आप अपनी टैक्स देनदारी को जीरो कर सकते है. चलिए समझते हैं
मान लीजिए कि आपकी सैलरी 10,50,000 रुपये सालाना है, और आपकी उम्र 60 साल से कम है, मतलब आप 30 परसेंट स्लैब में आएंगे.
1- सबसे पहले आप स्टैंडर्ड डिडक्शन के रूप में 50,0000 रुपये घटा दीजिए
10,50,0000-50,000 = 10,00,000 रुपये
2- इसके बाद 80C के तहत आप 1.5 लाख रुपये बचा सकते हैं. इसमें आप EPF, PPF, ELSS, NSC में निवेश और दो बच्चों के ट्यूशन फीस के रूप में आप सालाना 1.5 लाख रुपये तक की रकम पर इनकम टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं
10,000,000- 1,50,000 = 8,50,000 रुपये
3- अगर आप अपनी तरफ से नेशनल पेंशन सिस्टम या एनपीएस (NPS) में सालाना 50,000 रुपये तक निवेश करते हैं तो इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80CCD (1B) के तहत आपको अलग से Income Tax बचाने में मदद मिलती है.
8,50,000-50,0000 = 8,00,000 रुपये
4- अगर आपने होम लोन ले रखा है तो इनकम टैक्स के सेक्शन 24B के तहत आप 2 लाख के ब्याज पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं.
8,00,000-2,00,000 = 6,00,000 रुपये
5- इनकम टैक्स के सेशन 80D के तहत जीवनसाथी, बच्चों और अपने लिए प्रिवेंटिव हेल्थकेयर चेक-अप की कॉस्ट सहित हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए 25,000 रुपये तक डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. इसके अलावा अगर माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं तो 50,000 रुपये तक अतिरिक्त डिडक्शन पा सकते हैं. शर्त यह है कि माता-पिता सीनियर सीटीजन हों.
6,00,000-75,000 = 5,25,000 रुपये
6- इनकम टैक्स के सेक्शन 80G के तहत आप संस्थाओं को दान के रूप में या चंदे के रूप में दी गई रकम पर टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. मान लीजिए आपने 25,000 रुपये का चंदा दिया तो इस पर टैक्स छूट ले सकते हैं. हालांकि दान या चंदे को पुख्ता करने के लिए आपको दस्तावेज जमा कराने होंगे. जिस संस्थान को चंदा या दान देते हैं, उसकी तरफ से मुहर लगी रसीद मिलनी चाहिए. दान का यही सबूत होगा जिसे टैक्स डिडक्शन के समय जमा करना होगा.
5,25,000-25,000 = 5,00,000 रुपये
7- तो अब आपको 5 लाख रुपये की आय पर ही टैक्स का भुगतान करना होगा और आपकी टैक्स देनदारी 12,500 रुपये (2.5 लाख का 5%) होगी. लेकिन, चूंकि छूट 12,500 रुपये की है, इसलिए उसे 5 लाख वाले स्लैब में शून्य कर का भुगतान करना होगा.
कुल टैक्स डिडक्शन = 5,00,000
नेट इनकम = 5,00,000
टैक्स देनदारी = 0 रुपये


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