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प्रबंधन के क्षेत्र में गांवों की महिलाएं आगे, शहरों में सिर्फ 16.5 फीसदी ही वरिष्ठ पदों पर

Shiddhant Shriwas
30 Sep 2021 6:11 AM GMT
प्रबंधन के क्षेत्र में गांवों की महिलाएं आगे, शहरों में सिर्फ 16.5 फीसदी ही वरिष्ठ पदों पर
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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने महिलाओं की प्रबंधन में वरिष्ठ और मध्यम पदों पर भूमिका से आंकड़े जारी किए हैं। इनके विश्लेषण से जो तस्वीर सामने आती है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रबंधन के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने बुधवार को बताया कि शहरी क्षेत्र में प्रबंधन के वरिष्ठ और मध्यम पदों पर जहां महिलाओं की संख्या 16.5 फीसदी है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र में इनकी हिस्सेदारी करीब 5 फीसदी बढ़कर 21.5 फीसदी हो जाती है।

एनएसओ ने 2019-20 के श्रम सर्वे में बताया कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को मिलाकर देखा जाए तो वरिष्ठ और मध्यम स्तर पर महिलाओं की कुल संख्या 18.8% है। ये आंकड़े जुलाई 2019 से जून 2020 तक जुटाए गए हैं।

सर्वे के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में 15-64 आयु वर्ग के बीच महिला श्रमिकों की संख्या 30.1% है, जबकि शहरी क्षेत्रों में महज 23.6 फीसदी महिलाएं श्रम में शामिल हैं। हालांकि, 2019-20 में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में समग्र रूप से महिला श्रमिकों की संख्या 28.2% है।

21.5% महिलाएं हैं ग्रामीण क्षेत्र में प्रबंधन की स्थिति में

16.5% तक सीमित है महिलाओं की संख्या शहरी क्षेत्र में

पंजाब में महिलाएं सबसे आगे

प्रबंधन में महिलाओं की बात करें, तो पंजाब में हिस्सेदारी सबसे ज्यादा 62% है। इसके बाद चंडीगढ़ में 44.1% और सिक्किम में 38.8% महिलाएं हैं। पेशेवर और तकनीकी स्तर पर महिलाओं की कुल संख्या पुरुषों के मुकाबले 18.7 फीसदी रही।

ऊंचे पदों पर भी महिलाएं सशक्त

एनएसओ ने बताया कि विधायिका, वरिष्ठ अधिकारी और प्रबंधक के रूप में काम करने वाली महिलाओं की संख्या भी ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा है। शहरों में जहां हिस्सेदारी 19.7% है, वहीं ग्रामीण में 27.4% है। दोनों क्षेत्रों को मिलाकर महिलाओं की संख्या 23.2 फीसदी होती है। हालांकि, तकनीकी क्षेत्र में ग्रामीण महिलाएं थोड़ा पीछे रह जाती हैं। पेशेवर और तकनीकी कामगारों में शहरी क्षेत्र में महिलाओं की संख्या 51.1 फीसदी, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में 48.5 फीसदी है।

भारतीय कंपनियों के बोर्ड में भी सिर्फ 17.3% महिलाएं

भारतीय कंपनियों में शीर्ष स्तर पर महिलाओं की भूमिका पश्चिमी व अन्य एशियाई देशों के मुकाबले काफी कम है। क्रेडिट स्विस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक रिपोर्ट में बताया कि भारतीय कॉरपोरेट जगत के बोर्ड में महिलाओं की संख्या 17.3% है। हालांकि, 2015 से अब तक इसमें 6 फीसदी का सुधार आया है। 46 देशों की तीन हजार कंपनियों के 33 हजार कार्यकारियों पर तैयार रिपोर्ट में बताया गया कि भारत अभी वैश्विक औसत 24% से काफी पीछे है।

हालांकि, देश में प्रबंधन के स्तर पर महिलाओं की भूमिका 2019 के 8% से बढ़कर 2021 में 10% पहुंच गई है। अगर बोर्ड में हिस्सेदारी की बात करें तो भारत की स्थिति एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तीन सबसे पिछले देशों में आती है। चौंकाने वाली बात है कि दक्षिण कोरिया 8 फीसदी और जापान 7 फीसदी इससे काफी पीछे हैं। यूरोपीय देशों में कंपनी बोर्ड में महिलाओं की हिस्सेदारी 34.4 फीसदी और उत्तरी अमेरिकी देशों में 28.6% रहती है।

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