व्यापार
चुनावी वर्ष में गेहूं की कीमतों में बड़ा उछाल , सरकार ने लिए यह बड़ा गैसला
Tara Tandi
17 Aug 2023 9:54 AM GMT
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एक तरफ जहां चुनावी साल में गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने सरकार की सिरदर्दी बढ़ा दी है. ऊपर से इस मानसून सीजन में कई राज्यों में कम बारिश होने से कृषि भूमि में नमी की कमी होने की आशंका है, जिससे आने वाले रबी सीजन में गेहूं के उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका है. ऐसे में गेहूं की कीमतों में जारी तेजी थमने के आसार कम नजर आ रहे हैं. घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए 15 साल बाद भारत सरकार आयात का सहारा लेने पर विचार कर रही है।
अब रूस से गेहूं का आयात!
घरेलू से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में गेहूं की कीमतें बढ़ने के बाद केंद्र सरकार आपूर्ति बढ़ाकर कीमतों पर लगाम लगाने के लिए रूस से सस्ते दामों पर गेहूं आयात करने पर विचार कर रही है। भारत ने इसके लिए रूस से बातचीत शुरू कर दी है. रूस से गेहूं के आयात से कीमतों में नरमी लाने में मदद मिलेगी.
2 महीने में 10% बढ़ी कीमत
जुलाई में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के उच्चतम स्तर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई है, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति 2022 के बाद से अपने उच्चतम स्तर 11.51 फीसदी पर पहुंच गई है. खाद्य महंगाई दर में बढ़ोतरी में साग-सब्जियों के अलावा गेहूं का भी योगदान है। पिछले दो महीनों में थोक बाजार में गेहूं की कीमतें 10 फीसदी तक बढ़ गई हैं और सात महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं. सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि केंद्र सरकार निजी व्यापार और दोनों सरकारों के बीच आपसी सौदों के जरिए रूस से गेहूं आयात की संभावनाएं तलाश रही है. भारत सरकार ने कई वर्षों से गेहूं का आयात नहीं किया है। 2017 में निजी व्यापारियों के जरिए 5.3 मीट्रिक टन गेहूं का आयात किया गया था.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार अलर्ट
इस साल के अंत में कई बड़े राज्यों में विधानसभाएं होनी हैं और अगले साल अप्रैल 2024 में लोकसभा चुनाव होंगे. चुनावी साल होने के कारण सरकार गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी का जोखिम नहीं ले सकती. क्योंकि इससे थाली की रोटी महंगी हो सकती है. इसीलिए गेहूं आयात करने पर चर्चा हो रही है, हालांकि अभी इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है. पिछले महीने खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने रूस से गेहूं आयात की संभावना से इनकार कर दिया था.
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