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कोरोना काल में अरबपतियों संख्या 142 हो गई है मौके पर ऑक्सफैम इंडिया असमानता सर्वेक्षण किया जारी

Teja
17 Jan 2022 6:39 AM GMT
कोरोना काल में अरबपतियों संख्या 142 हो गई है मौके पर ऑक्सफैम इंडिया  असमानता सर्वेक्षण किया जारी
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कोरोना महामारी से दुनिया परेशान है. गरीबों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है,

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना महामारी से दुनिया परेशान है. गरीबों के सामने खाने का संकट पैदा हो गया है, लेकिन अमीर लोगों की अमीरी बढ़ गई है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल में भारतीय अरबपतियों (Indian Billionaires) की कुल संपत्ति दोगुनी हो गई. अरबपतियों की संख्या में 39 फीसदी की तेजी आई है और उनकी कुल संख्या 142 हो गई. इनकी अमीरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टॉप-10 रईसों के पास इतनी दौलत है कि वे देश के सभी स्कूलों और कॉलेजों को अगले 25 सालों तक फंड कर सकते हैं. आज वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ( World Economic Forum 2022) का पहला दिन है. इसी मौके पर ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) की तरफ से वार्षिक असमानता सर्वेक्षण (annual inequality survey) जारी किया गया है.

ऑक्सफैम की रिपोर्ट में कहा गया कि भारत के टॉप-10 फीसदी अमीर लोगों पर अगर 1 फीसदी एडिशनल टैक्स लगाया जाए तो उस पैसे से देश को 17.7 लाख एक्स्ट्रा ऑक्सीजन सिलिंडर मिल जाएंगे. वहीं, देश के 98 अमीर परिवारों पर अगर 1 फीसदी एक्स्ट्रा टैक्स लगाया जाए तो उस पैसे से आयुष्मान भारत प्रोग्राम को अगले सात सालों तक फंड किया जा सकता है. आयुष्मान भारत दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम है.
बिलिनेयर्स के पास 719 बिलियन डॉलर की दौलत
इस आर्थिक असमानता रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 142 बिलिनेयर्स की कुल दौलत 719 बिलियन डॉलर यानी 53 लाख करोड़ रुपए है. 98 सबसे अमीर लोगों के पास 55.5 करोड़ गरीब लोगों के बराबर दौलत है. यह दौलत करीब 657 बिलियन डॉलर यानी 49 लाख करोड़ रुपए होती है.
84 सालों तक रोजाना 1 मिलियन डॉलर खर्च कर सकेंगे
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत के टॉप-10 अमीर रोजाना आधार पर 1 मिलियन डॉलर यानी 7 करोड़ खर्च करें तो 84 सालों में उनकी दौलत खत्म होगी. वहीं मिलिनेयर्स और बिलिनेयर्स पर अगर वेल्थ टैक्स लगाया जाए तो 78.3 बिलियन डॉलर कलेक्ट किया जाएगा. इस पैसे से सरकार का हेल्थ बजट 271 फीसदी बढ़ सकता है.
45 फीसदी दौलत केवल 10 फीसदी लोगों के पास
कोरोना के कारण असमानता इतनी बढ़ गई है कि सबसे अमीर 10 फीसदी लोगों के पास देश की 45 फीसदी दौलत है. वहीं, गरीब 50 फीसदी आबादी के पास महज 6 फीसदी दौलत है.
कोरोना काल में महिलाओं की स्थिति बिगड़ी
जेंडर की बात करें तो कोरोना काल में जॉब लॉस में 28 फीसदी महिलाएं हैं. इससे उनकी कुल कमाई दो तिहाई घट गई है. महिलाओं की स्थिति को लेकर कहा गया कि सरकार मिनिस्ट्री ऑफ वुमन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट पर केवल उतना खर्च करती है जो भारत के बॉटम-10 बिलिनेयर्स की कुल संपत्ति का आधा भी नहीं है.
भारत सरकार के बजट का 41 फीसदी इनकी दौलत
अगर भारत के टॉप-100 बिलिनेयर्स की दौलत मिला दी जाए तो इससे नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन को पूरा किया जा सकता है. इसके अलावा महिलाओं के लिए अगले 365 सालों तक सेल्फ हेल्प ग्रुप का गठन किया जा सकता है. अगर भारत के 98 सबसे अमीर लोगों पर केवल 4 फीसदी कै वेल्थ टैक्स लगाया जाए तो यह हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर मिनिस्ट्री को अगले दो सालों तक फंड कर सकता है. इन 98 परिवारों की कुल दौलत भारत सरकार के टोटल बजट का करीब 41 फीसदी है


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