व्यापार

10 साल में वह करेगा जो तीन दशक में हासिल न कर सका ड्रैगन, चीन को पछाड़ भारत आएगा आगे

Manish Sahu
27 July 2023 6:56 PM GMT
10 साल में वह करेगा जो तीन दशक में हासिल न कर सका ड्रैगन, चीन को पछाड़ भारत आएगा आगे
x
व्यापार: केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी (IT) राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को कहा कि चिप के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए 10 अरब डॉलर के प्रोत्साहन और सहयोग से भारत एक दशक में सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति-श्रृंखला में प्रमुख भूमिका निभाने की ओर अग्रसर है. उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजना ने पिछले साल वेदांता और ताइवान की फॉक्सकॉन जैसी कंपनियों को आकर्षित किया था. इन कंपनियों ने चिप विनिर्माण के लिए अरबों डॉलर के निवेश से इकाइयां स्थापित करने का वादा किया था. चिप का उपयोग मोबाइल फोन से लेकर वाहनों तक में किया जाता है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर परिवेश में ऐसा कोई नहीं है जो भारत को निवेश और नवाचार के लिए एक बहुत विश्वसनीय, व्यवहार्य और तेजी से उभरते गंतव्य के रूप में नहीं देखता है. उन्होंने कहा कि भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अगले 10 साल में 10 अरब डॉलर (लगभग 81,993 करोड़ रुपये) के साथ वह उपलब्धि हासिल करने के लिए तैयार है, जिसे प्राप्त करने के लिए चीन ने तीन दशक तक प्रयास किया है.
पैदा होंगे 20 हजार रोजगार
उन्होंने कहा कि हम 10 अरब डॉलर के साथ अगले 10 साल में वह हासिल करने की ओर अग्रसर हैं, जिसे प्राप्त करने में चीन को 25-30 साल लगे और उसके बावजूद वह सफलता हासिल नहीं कर पाया. उन्होंने कहा कि माइक्रोन के साथ एटीएमपी परियोजना से सेमीकंडक्टर उद्योग में 5,000 प्रत्यक्ष और 15,000 अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होंगे. वैश्विक मेमोरी समाधान क्षेत्र में माइक्रोन दुनिया की अग्रणी कंपनी है. चंद्रशेखर ने कहा कि कभी-कभी कुछ लोग या तो समझ की कमी या जानबूझकर पिछले 15 महीनों के प्रयास को अलग-अलग तरीकों से चित्रित करते हैं. लेकिन सेमीकंडक्टर पर भारत की कहानी… भारत को सेमीकंडक्टर राष्ट्र बनाने का सपना पहली बार कुछ महीने पहले शुरू हुआ है.
घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात बिल कम करने के लिए मार्च 2020 में PLI योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत सरकार कंपनियों को भारत में बने प्रोडक्ट की बिक्री के आधार पर इंसेंटिव देती है. योजना का उद्देश्य घरेलू कंपनियों को देश में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है. इन सबके अलावा, यह विदेशी कंपनियों को भारत में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए आमंत्रित भी करती है.
Next Story