टेलिकॉम सेक्टर में सुधार से 4जी के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा मिलेगा। आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 के अनुसार टेलिकॉम सेक्टर में सुधार से तरलता बढ़ेगी और 5जी नेटवर्क में निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार होगा। कोविड-19 की चुनौतियों के दौरान टेलिकॉम सेक्टर ने शानदार काम किया है। इस दौरान ऑनलाइन एजूकेशन वर्क फ्रॉम होम की वजह से डेटा खपत में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। टेलिकॉम सेक्टर में सुधार से ब्रॉडबैंड और दूरसंचार कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
कींमत कंट्रोल रखने में मिली मदद
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि टेलिकॉम सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के लिए कई उपाय किए गए हैं। साथ ही टेलिकॉम सेक्टर में रेगयुलेटरी फ्रेमवर्क के जरिए कीमतों को कंट्रोल पर रखने का काम किया गया है। सरकार की कोशिश रही है कि टेलिकॉम सेक्टर के यूजर को प्रतिस्पर्धा मार्केट उपलब्ध करायी जा सके। सर्वेक्षण की मानें, तो टेलिकॉम सेक्टर किसी देश के सामाजिक और आर्थिक विकास को सबसे ज्याद प्रभावित करता है। भारतीय टेलिकॉम सेक्टर दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टेलिकम्यूनिकेशन मार्केट है।
डेटा खपत में हुआ इजाफा
टेलिकॉम सेक्टर के बुनियादी ढ़ांचे में मजबूती और सुधार से देश के कई अहम सेक्टर पर असर पड़ता है। इसकी वजह से कुल टेलीफोन यूजर्स की संख्या में इजाफा, इंटरनेट और ब्रॉडबैंड यूजर्स की संख्या में बढ़ोतरी होती है। पिछले कुछ वर्षों में टेलिकॉम सेक्टर में जोरदार प्रतिस्पर्धा के कारण डेटा की लागत कम करने के बाद भारत में दूरसंचार में प्रतिस्पर्धा के चलते डेटा कीमतें कम हुई है। साथ ही इसी दौरान डेटा खपत में इजाफा दर्ज किया गया है।
डिजिटल इंडिया का सपना हो रहा साकार
आंकड़ों की मानें, तो भारत में वित्त वर्ष 2022 में प्रति माह प्रति व्यक्ति प्रति गीगीबाइट डेटा खर्च बढ़कर 14.1 जीबी प्रतिमाह हो गया है। जो कि वित्त वर्ष 2018 में 1.24 जीबी प्रति माह हुआ करता था। साथ ही वित्त वर्ष 2022 में मोबाइल टावर की संख्या बढकर 6.93 लाख हो गयी है। ऐसे में टेलिकॉमक सेक्टर में कारोबार की काफी गुंजाइश है। टेलिकॉम सेक्टर भारत सरकार की डिजिटल इंडिया मुहिम के लिए अहम साबित होता है। भारतनेट प्रोजेक्ट के तहत 5.46 लाख किमी ऑप्टिकल फाइरबर केबल को बिछाया जाना है। इसके तहत कुल 1.73 लाख ग्राम पंचायत तक ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जाएगा और 1.59 लाख ग्राम पंचायत तक र्विस रेडी ऑन ओएफसी की सुविधा मिलेगी।