व्यापार

जरुरी बात: मुनाफा सिक्के का एक पहलू है, जोखिम दूसरा पहलू….चाहे वह आपकी सेहत हो या निवेश

Bhumika Sahu
27 Sep 2021 7:10 AM GMT
जरुरी बात: मुनाफा सिक्के का एक पहलू है, जोखिम दूसरा पहलू….चाहे वह आपकी सेहत हो या निवेश
x
हमारे उदाहरण में अगर ए अंतिम साल में खानपान को लेकर चरम पर जाता है और एक सीमा से ज्यादा कसरत करता है और वहीं बी नियमित रूप से स्वस्थ खानपान और व्यायाम करता है तो ऐसे में ए ने लक्ष्य हासिल करने के लिए ज्यादा जोखिम मोल लिया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। महामारी के दौरान भी बाजार धारणा जोखिम पर ध्यान और मुनाफे पर ध्यान के बीच झूलती रही. पिछले साल जोखिम के प्रबंधन पर ध्यान था, अब अधिकतम मुनाफा कमाने के आसपास ध्यान है. निवेशक प्रायः निवेश की योजना का चयन करते हुए एक खास तिथि को अंतिम साल में मुनाफे पर ध्यान केंद्रित करते हैं. ऐसा करना बहुत बड़ी चूक है. इसे मैं व्यक्तियों की जिंदगी से जुड़े उदाहरण के माध्यम से स्पष्ट करना चाहूंगा. इसके पीछे विचार यह है कि किसी फंड के प्रदर्शन का मूल्यांकन करते समय अन्य पहलुओं के बारे में निवेशक को जागरूक किया जा सके.

आइए एक परिवार के मुखिया श्रीमान एम का उदाहरण लेते हैं. श्रीमान एम चाहते हैं कि उनके परिवार के सदस्य, ए और बी, जो एकसमान उम्र के हैं, अपनी जीवनशैली को स्वस्थ बनाएं, नियमित व्यायाम करें और अपने रोजाना की जिंदगी में पोषण का ध्यान रखें. वह जानते है कि दोनों ही अपनी लंबाई के हिसाब से ज्यादा वजन के हैं.
उन्हें अगले 3 साल में वजन घटाने की चुनौती दी गई है और यह उपलब्धि हासिल करने पर उन्हें एक मोटा ईनाम देने का वादा किया गया है. तीन साल की समाप्ति पर ए 21 किलो और बी 19 किलो वजन कम कर पाता है. यह विंदुवार आंकड़े हैं, जो चुनौती देने की शुरुआत और लक्ष्य की अवधि पूरा करने की तिथि के बीच के वजन का अंतर है.

अगर सिर्फ वजन कम करना पैमाना है, तो ए विजेता होगा. लेकिन सवाल यह है कि क्या इन सदस्यों ने आपको पूरी कहानी सुनाई है? अगर वजन कम करने की पूरी यात्रा पर नजर डालें तो ए ने पहले साल 6 किलो वजन कम किया, फिर दूसरे साल में 3 किलो वजन बढ़ा, वहीं तीसरे साल 18 किलो वजन कम हुआ.
अगर बी के आंकड़ों पर नजर डालें तो उसने पहलेसाल 5 किलो वजन घटाया, दूसरे साल 6 किलो और तीसरे साल 8 किलो वजन कम किया. इस हिसाब से देखें तो किसकी खानपान और कवायद ज्यादा सही लगती है?
अगर मकसद दोनों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना था, तोक्या 21 सही तस्वीर पेश करता है? इस तरह विंदुवार संख्या ले लेने का तरीका त्रुटिपूर्ण है.
हमारे आंकड़े में वजन घटाने के विंदुवार आंकड़े की ही तरह विंदुवार फंड के मुनाफे के आंकड़े देखना पूरी तस्वीर पेश नहीं करता, जिससे कि मुनाफे की मजबूती और फंड की निरंतरता का पता चल सके.
आप कल्पना करें की श्री एम शुरुआत और अंतिम तिथि को वजन लेने की त्रुटि से परिचित हैं और वह दोनों व्यक्तियों का वजन हर तिमाही की शुरुआत में लेने का फैसला करते हैं और तिमाही के अंत में वजन की तुलना करते हैं.
वह जनवरी की शुरुआत में और मार्च के अंत में, फिर अप्रैल की शुरुआत में व जून के अंत में वजन लेते हैं और इस तरह की कवायद जारी रखते हैं. ऐसा करने पर उनके पास 12 तिमाहियों के आंकड़े होते हैं और इसका औसत देखने पर पता चल पाता है कि इस दौड़ में किसमें निरंतरता ज्यादा है.
ऐसे में सहज रूप से हम पाएंगे कि बी बेहतर स्थिति में है. अगर इस तरीके को फंड के मुनाफे में अपनाते हैं तो इसे रोलिंग रिटर्न कहा जाता है. इसमें सिर्फ विंदुवार आंकड़े पर भरोसा करके निष्कर्ष नहीं निकाला जाता है, और यह आपके सामने निरंतरता की बेहतर तस्वीर पेश करता है.
सतत जीवनशैली के वास्तविक विजेता के चयन के लिए श्री एम अब एक और मूल्यांकन कर सकते हैं. इसमें यह देखा जाना शामिल है कि इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए व्यक्ति कितना जोखिम ले सकता है.
वजन घटाने की कवायद में विशिष्ट जोखिम क्या हैं? इसमें चरम पर जाकर खानपान नियंत्रित करना और व्यायाम करना संभवतः दीर्घावधि के हिसाब से टिकाऊ नहीं होगा और इसकी वजह से शरीर को नुकसान पहुंच सकता है.
हमारे उदाहरण में अगर ए अंतिम साल में खानपान को लेकर चरम पर जाता है और एक सीमा से ज्यादा कसरत करता है और वहीं बी नियमित रूप से स्वस्थ खानपान और व्यायाम करता है तो ऐसे में ए ने लक्ष्य हासिल करने के लिए ज्यादा जोखिम मोल लिया है.
प्रति किलो वजन कम करने में ए का जोखिम बी की तुलना में ज्यादा था. मकसद हासिल करने के हेतु लिए गए जोखिम के हिसाब से देखें तो बी विजेता है.
हालांकि बेहतर दौर में मुनाफे हेतु लिए गए जोखिम की मात्रा निकालना कठिन होता है, लेकिन सौभाग्य से हमारे लिए एमएफ योजनाओं के मामले में इसका मापन आसानी से किया जा सकता है.तमाम अनुपात हैं, जो आपको नजरिया देते हैं कि मुनाफा देने के लिए फंड प्रबंधक ने किस तरह का जोखिम लिया है. इस तरह से आप देख सकते हैं कि दो विंदुओं पर आंकड़े लेकर हम अगर एक संख्या निकालते हैं तो इससे सही परिदृश्य सामने नहीं आ पाता है कि दीर्घावधि मकसद के हिसाब से असली विजेता कौन है.
लॉन्ग टर्म के लक्ष्य के हिसाब से देखें तो स्थिर और अनुशासित प्रक्रिया इसका मूल है, चाहे वह किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य का लक्ष्य हो या एक योजना के लिए निवेश का लक्ष्य हो.निवेश की दुनिया में असल विजेता की पहचान के लिए एक संख्या के बजाय स्थिरता और जोखिम जैसे पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है. क्योंकि सिर्फ एक निश्चित संख्या पूरी तस्वीर पेश नहीं करती है. इन पहलुओं पर ध्यान देने या सलाहकार से सही सवाल पूछने से आपको सही चयन करने को लेकर बेहतर होने में मदद मिल सकेगी.


Next Story