अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के नए वर्किंग पेपर में कहा गया है कि भारत ने सरकारी खाद्य योजनाओं के जरिए लगभग बेहद गरीबी (Extreme Poverty) को मिटा दिया है और अपनी खपत (Consumption) में असमानता को 40 सालों के सबसे निचले स्तर पर ला दिया है. आईएमएफ के वर्किंग पेपर को अर्थशास्त्री सुरजीत भल्ला, अरविंद विरमानी और करण भसीन ने पब्लिश किया है. इसमें कहा गया है कि बेहद गरीबी में जीवन बिता रहे लोगों का अनुपात एक फीसदी से कम स्तर पर बना रहा है. यह महामारी (Pandemic) के दौरान भी इस स्तर पर स्थिर रहा है. इसके पीछे वजह राशन को बताया गया है. यह स्टडी ऐसे समय पर सामने आई है, जब हाल ही में आईं ग्लोबल रिपोर्ट्स में इस बात की ओर संकेत किया गया है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अमीर और गरीब के बीच अंतर बढ़ रहा है, जबकि कोविड-19 महामारी के आर्थिक झटकों पर रिपोर्ट्स में अलग-अलग निष्कर्ष निकाले गए हैं.