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मॉडिफिकेशन्स
भारत में कार चलाने के नियम पिछले कुछ सालों में काफी सख्त हो गए हैं। आपकी एक गलती भारी-भरकम चालान की वजह बन सकती है। बता दें कि आजकल कार में मॉडिफिकेशन करवाने के भी कई सारे नियम हैं जिन्हें नहीं मानने पर आपको जुर्माना झेलना पड़ सकता है। कुछ लोग बिना जाने ही अपनी कार में बड़े बदलाव करवा देते हैं जिनकी वजह से उन्हें कानूनी दिक्क्तें झेलनी पड़ सकती हैं। आज हम आपको ऐसे ही कुछ मॉडिफिकेशन्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें करवाना आपको मुश्किल में डाल सकता है।
टिंटेड ग्लास
टिंटेड ग्लास प्राइवसी के लिए या फिर धूप से बचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, हालांकि कई बार क्रिमिनल्स भी इनका इस्तेमाल करके गलत कामों को अंजाम देते हैं जिसे देखते हुए सरकार ने टिंटेड ग्लास को लेकर सख्त नियम बनाए हैं। दरअसल कार ओनर सिर्फ 50 फीसद या उससे ज्यादा विजिबिलिटी वाला टिंटेड ग्लास अपनी कार में इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर ग्लास की विजिबिलिटी 50 फीसद से कम है तो आपकी कार पर जुर्माना किया जा सकता है या फिर कई मामलों में कार को सीज भी किया जा चुका है।
कार का पेंट
आप कार में कई तरह के बदलाव करवा सकते हैं लेकिन इसके पेंट के कलर को बदलवाना आपको कानूनी चक्करों में फंसा सकता है साथ ही आपको भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इसलिए कार के पेंट कलर को बदलवाना नहीं चाहिए।
हाई डेसिबल हॉर्न
हाई डेसिबल हॉर्न कार पर बुरा असर डालता है यहां तक कि कान खराब भी हो सकते हैं। अगर आपने भी अपनी कार में ऐसा हॉर्न लगा के रखा हुआ है तो ऐसा करने पर आपकी कार पर चालान किया जा सकता है साथ ही आपको हॉर्न भी अपनी कार से निकालना पड़ेगा।
आफ्टर मार्केट साइलेंसर
आफ्टर मार्केट साइलेंसर को कार में लगाने पर इसकी आवाज किसी स्पोर्ट्स कार जैसी हो जाती है, हालांकि इससे कार के इंजन पर भी असर पड़ता है और ध्वनि प्रदूषण भी होता है। यही वजह है कि कार में इन्हें लगाना गैरकानूनी है और आपकी कार पर चालान भी किया जा सकता है।
Gulabi
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