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गोल्ड लोन
सीएसबी बैंक ने अपने गोल्ड लोन पॉलिसी में बदलाव कर दिया है. इस बैंक के लिए लंबे समय तक कारगर साबित होने वाले कम जोखिम लेंडिंग मॉडल ने अब चुनौतियां खड़ी करनी शुरू कर दी है. सीएसबी बैंक ने इस बदलाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि लोन टू वैल्यू रेशियो को 90 फीसदी तक रखने की ढील से पोर्टफोलियो पर असर पड़ा है. सबसे सिक्योर लोन होने के बाद भी ये फंसे कर्ज यानी एनपीए में तब्दील हो रहे थे. लोन टू वैल्यू (LTV) रेशियों का मतलब है गिरवी रखे गए एसेट की वैल्यू के एक तय अनुपात में ही लोन दिया जाता है. दी जाती है.
सीएसबी बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सी वी आर राजेंद्रन के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि बैंक को पहली बार गोल्ड लोन्स के लिए एक रिकवरी टीम बनानी पड़ी है. बैंक का कहना कि पोर्टफोलियो के स्तर पर बहुत बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन फंसे कर्ज की रिकवरी के लिए अब ज्यादा जोर लगाना पड़ रहा है.
गोल्ड के भाव में गिरावट से मार्जिन कम होने का खतरा बढ़ा
उन्होंने कहा, 'सबसे पहली गलती तब हुई, जब आरबीआई ने कहा कि गोल्ड की कीमत के हिसाब से लोन टू वैल्यू रेशियो 90 फीसदी तक हो सकता है. हमें इसे फॉलो नहीं करना चाहिए था क्योंकि सोने के बाजार भाव में गिरावट से हमारा मार्जिन कम हो सकता है और हमें अतिरिक्त मार्जिन की जरूरत पड़ सकती है.'
बैंक को घटाना पड़ा लोन टू वैल्यू रेशियो
दिसंबर महीने में ही बैंकों ने लोन टू वैल्यू रेशियो को 90 फीसदी से घटाकर 75 फीसदी तक कर दिया था. हालांकि, आरबीआई ने मार्च 2021 तक ही लोन टू वैल्यू रेशियो में ढील की अनुमति दिया था. हाल ही में बैंक ने ब्याज दर को LTV से लिंक करने के लिए प्राइसिंग स्ट्रैटेजी पर भी फैसला लिया है.
लॉकडाउन ने बढ़ाई रिकवरी की मुश्किलें
दरअसल बैंक के सामने लॉकडाउन की वजह से भी रिकवरी समस्या बढ़ गई. केरल सरकार ने नॉन-नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट के तहत हर दूसरे दिन छुट्टी का ऐलान कर दिया था. वहीं, बाजार की खराब हालत की वजह से नीलामी में भाग लेने वालों की संख्या भी कम ही रही है.
नये ज़माने वाले बैंक के रूप में बदलने की तैयारी
बता दें कि करीब 100 साल पुराने सीएसबी बैंक ने हाल ही में खुदको नये ज़माने के बैंक के तौर पर बदलने का ऐलान भी किया था. बैंक ने अपने लोन बुक को ठीक करने और कैपिटल इनफ्यूजन का भी काम किया है. लेकिन इस बदलाव की पूरी प्रक्रिया तक के लिए बैंक ने अपना सारा फोकस गोल्ड लोन पर ही रखा है. पिछले साल सीएसबी बैंक का गोल्ड बिज़नेस करीब 60 फीसदी तक बढ़ा था.
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