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एफडी में करना है निवेश तो जानें क्या करें

Khushboo Dhruw
29 March 2021 7:45 AM GMT
एफडी में करना है निवेश तो जानें क्या करें
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सुधर रही आर्थिक स्थिति से पड़ेगा पॉजिटिव असर

कोविड-19 महामारी की वजह से पिछले एक साल में रिटेल डिपॉजिटर्स पर दोहरी मार पड़ी है. उन्हें न सिर्फ कम ब्याज दर के दौर से गुजरना पड़ा, बल्कि उनकी बचत पर महंगाई की भी मार पड़ी है. यही कारण रहा कि 2020 में फिक्स्ड​ डिपॉजिट के जरिए रिटर्न बेहद सीमित रहा. लेकिन, 2021 में यह स्थिति अब बदल सकती है. जानकारों की मानें तो अब एफडी पर बेहतर रिटर्न पाने का समय आ चुका है. तो चलिए जानते हैं एक्सपर्ट्स ऐसा क्यों अनुमान लगा रहे हैं.

2020 में भारतीय रिज़र्व बैंक ने पूरे साल पॉलिसी दरों को कम रखा. 2021 के शुरुआती तीन महीनों में भी ऐसा ही देखने को मिला है. दअरसल, आरबीआई चाहता था कि संकट के इस दौर में बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी बनी रहे ताकि आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाई जा सके. एक्स्ट्रा लिक्विडिटी का मतलब यह भी होता है कि ​ब्याज दरें कम रहेंगी. दूसरी ओर बैंकों ने सभी सेक्टर्स को सतर्कता से क्रेडिट दे रहे थे. इसका मतलब यह भी है कि बैंकों द्वारा फंड की मांग कम रही है. यही कारण रहे की डिपॉजिट पर ब्याज दरें कम रहीं.

पिछले 6 साल में तेजी से गिरी एफडी ब्याज दरें
पिछला छह साल भारतीय इक्विटी मार्केट के लिए बेहतर रहा है. लेकिन जनवरी 2015 से लेकर मई 2020 के बीच आरबीआई की मौद्रिक समिति ने नीतिगत ब्याज दरों में 8 फीसदी से 4 फीसदी पर ला दिया है. इससे एफडी इन्वेस्टर्स के निवेश पर असर पड़ा है. वित्त वर्ष 2014-15 में 1 से 3 साल के एफडी पर 8.5-8.75 फीसदी के आसपास था, जोकि अब 4.9-5.5 फीसदी के स्तर पर आ गया है.
सुधर रही आर्थिक स्थिति से पड़ेगा पॉजिटिव असर

हालां​कि, वित्त वर्ष में आर्थिक स्थिति बेहतर होने का अनुामन है. एफडी रिटर्न पर भी इसका पॉजिटिव प्रभाव देखने को मिलेगा. ब्याज दरें पिछले एक दशक के निचले स्तर पर आने के बाद अब बढ़ने वाले हैं. अप्रैल 2020 के बाद बढ़ते खुदरा महंगाई दर ने आरबीआई को नीतिगत ब्याज दरों में कटौती करने पर ब्रेक लगा दिया है. इन फैक्टर्स के अलावा बजट में कुछ ऐसे ऐलान हुए हैं, जिससे ब्याज दरों में तेजी देखने को मिल सकती है.
बैंक/एनबीएफसी का

नाम
मौजूदा एफडी
दरें
वरिष्ठ नागरिकों के
लिए एफडी दरें
अंतिम बार जब
रिवाइज हुआ
कितनी बदली
दरें
एसीबीआई 2.90%-5.40% 3.40%-6.20% 8 जनवरी 2021 01 साल की एफडी पर 0.10% बढ़ी
केनरा बैंक 2.95%-5.50% 2.95%-6% 8 फरवरी 2021 2 साल से अधिक एफडी पर 0.20% बढ़ी
बजाज फाइनेंस 6.15%-7.00% 6.40%-7.25% 1 फरवरी 2021 36 से 60 महीने की एफडी पर 0.40% बढ़ी
आईसीआईसीआई बैंक 2.50%-5.50% 3.00%-6.30% 21 अक्टूबर 2020 वरिष्ठ नागरिकों के लिए 0.80% बढ़ी
सोर्स: myloancare.in
आर्थिक विकास दर में तेजी का मतलब है कि बैंकों को कर्ज देने के लिए डिपॉजिट की जरूरत होगी. इसलिए वे बेहतर ब्याज दर ऑफर करें. हाल ही में एसबीआई ने 1 साल के एफडी पर ब्याज दरों को बढ़ाया है. दूसरे बैंकों से भी ऐसा ही करने की उम्मीद है.
एफडी इन्वेस्टर के तौर पर आप क्या करें?
कई ग्लोबल फर्म्स और एक्सपर्ट्स ने आरबीआई के अर्थव्यवस्था को लेकर उदार रवैये पर सवाल खड़े कर दिए हैं. अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति में इंडीकेटर्स से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी छमाही से डिपॉजिट रेट्स में इजाफा होने वाला है. तब तक के लिए जानकारों का कहना है कि डिपॉजिटर्स को छोटी अवधि वाले एफडी में अपना पैसे मेन्टेन करते रहना चाहिए. फिलहाल छोटी अवधि में एफडी रखने का फायदा होगा कि जैसे ही दरें बढ़ेंगी, वैसे ही निवेशकों ज्यादा ब्याज वाली अवधि में निवेश कर सकेंगे.


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