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आप अगर ब्याज से कमाई करते हैं, तो इनकम टैक्स के नियमों की जानकारी रखनी चाहिए
आप अगर ब्याज से कमाई करते हैं, तो इनकम टैक्स के नियमों की जानकारी रखनी चाहिए. इन नियमों से पता चलेगा कि किस ब्याज पर कितने तक का टैक्स चुकाना होगा. अगर टैक्स नहीं चुकाते हैं तो क्या होगा. इन नियमों के बारे में जानना इसलिए जरूरी है क्योंकि आपको फिक्स्ड डिपॉजिट FD, रिकरिंग डिपॉजिट RD या म्यूचुअल फंड mutual fund पर मिलने वाले ब्याज की देनदारी के बारे में पता चल जाए.
इनकम टैक्स का पूरा एक नियम है. इसी तरह उसे बचाने का भी खास नियम है. आप टैक्स तभी बचा पाएंगे जब आपको पता होगा कि किस ब्याज पर कितना टैक्स लगता है और उसे बचाने के लिए इनकम टैक्स की किस धारा का उपयोग होता है.
एफडी और आरडी पर ब्याज की कमाई
फिक्स्ड डिपॉजिट FD से होने वाली कमाई पर टैक्स चुकाना होता है. इनकम टैक्स की धारा के मुताबिक इसमें टैक्स की देनदारी बनती है. इसके अलावा जिस बैंक में आपका फिक्स्ड डिपॉजिट है, उस पर मिलने वाले ब्याज पर बैंकों की तरफ से टीडीएस काटा जाता है. अगर सामान्य नागरिक को एफडी पर 40,000 रुपये और सीनियर सिटीजन को 50,000 से ज्यादा मिले तो उस पर टीडीएस काटा जाता है. अगर किसी व्यक्ति के पास पैन नहीं है तो उसका टीडीएस 20 परसेंट काटा जाता है. अगर किसी व्यक्ति ने एक साथ दो साल का इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो उसका टीडीएस भी 20 परसेंट के हिसाब से काटा जाता है. टीडीएस से बचने के लिए 15जी और 15एच फॉर्म भी भर सकते हैं, लेकिन यह तभी मान्य है जब कुल इनकम टैक्सेबल आय से कम हो.
सेविंक अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज
अगर किसी सेविंग अकाउंट पर आपको 10,000 रुपये का ब्याज मिलता है तो इनकम टैक्स की धारा 80टीटीए के अंतर्गत टैक्स डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं. अगर यह अमाउंट 10,000 से ज्यादा है, तो उस पर स्लैब के मुताबिक टैक्स लगेगा. अब आप जानना चाहते हैं कि सेविंग अकाउंट पर मिले ब्याज पर टैक्स लगेगा या नहीं, इसके लिए आपको बैंक सेविंग अकाउंट, पोस्ट सेविंग अकाउंट और कोऑपरेटिव बैंक सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज को जोड़ लेना होगा. धारा 80टीटीबी के तहत सीनियर सिटीजन 50,000 रुपये तक के टैक्स डिडक्शन का क्लेम कर सकते हैं.
कॉरपोरेट बॉन्ड पर ब्याज
सरकारी या प्राइवेट कंपनियों की ओर से जारी कॉरपोरेट बॉन्ड पर स्लैब के मुताबिक टैक्स लगता है. बॉन्ड पर होने वाली कमाई को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेस में रखा जाता है. बॉन्ड की खरीदारी या बिक्री पर लाभ या घाटा हो तो उस पर टैक्स लगता है. हालांकि कुछ टैक्स फ्री बॉन्ड भी होते हैं जिसका फायदा लिया जा सकता है. इस तरह के बॉन्ड सरकार की ओर से या सरकारी एजेंसियों की ओर से जारी होते हैं.
पीपीएफ पर मिलने वाला ब्याज
अगर आप पीपीएफ पर ब्याज की कमाई करते हैं तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगता. इनकम टैक्स की ओर से पीपीएफ पूरी तरह टैक्स फ्री प्रोडक्ट है. पीपीएफ इनकम टैक्स की EEE स्कीम के अंतर्गत आता है. पीपीएफ में जमा पैसे, ब्याज और मैच्योरिटी पर किसी तरह का ब्याज नहीं लगता है. कई ऐसे प्रोडक्ट हैं जो टैक्स फ्री होते हैं. इसमें निवेश कर अच्छी कमाई की जा सकती है, साथ ही टैक्स की बचत भी.
Rani Sahu
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