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अगर RBI के नाम पर आपसे मांगा जा रहा है पैसा, ऐसे रहें सावधान

Gulabi
11 March 2022 2:26 PM GMT
अगर RBI के नाम पर आपसे मांगा जा रहा है पैसा, ऐसे रहें सावधान
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RBI के नाम पर आपसे मांगा जा पैसा
मान लीजिए कि आपको अपने बैंक (Bank) से कोई शिकायत है, आपने शिकायत की. इस शिकायत को जल्‍द निपटाने के लिए अगर आपसे कोई RBI के नाम पर पैसा मांग रहा है. तो तुरंत सावधान हो जाएं. ये मामला फ्रॉड (Fraud) का है. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने खुद ये जानकारी दी है. RBI का कहना है कि उसकी एकीकृत लोकपाल योजना 2021 के बारे में सोशल मीडिया (Social Media) पर गलत सूचना फैलाई जा रही है. केंद्रीय बैंक के तहत काम करने वाली संस्थाओं के खिलाफ की जाने वाली शिकायतों के जल्द निपटान या शिकायत दर्ज करवाने में मदद के नाम पर पैसों की मांग की जा रही है. इन रेगुलेटेड संस्‍थाओं में बैंक, नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां और नॉन-बैंक सिस्‍टम पार्टिसिपैंट्स आते हैं.
RBI ने यह साफ किया है कि उसने विनियमित संस्थाओं के खिलाफ शिकायतों के निपटान के लिए किसी भी संस्था को नियुक्‍त नहीं किया है. RBI ने एकीकृत लोकपाल योजना के तहत एक निःशुल्क शिकायत निवारण व्‍यवस्‍था बनाई है, जिसमें किसी भी रूप में या किसी भी तरीके से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.
ई-मेल के जरिए कर सकते हैं शिकायत
जिन ग्राहकों को सेवाओं में कमी के लिए विनियमित संस्‍थाओं के खिलाफ कोई शिकायत हैं, वे सीधे शिकायत प्रबंधन प्रणाली पोर्टल पर ई-मेल कर या CRPC में सीधे जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.
आपको बता दें कि इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक नई सेवा शुरू की, जिसके जरिए 40 करोड़ से अधिक फीचर फोन (Feature Phone) या सामान्य मोबाइल फोन उपयोगकर्ता सुरक्षित तरीके से डिजिटल भुगतान कर सकेंगे. जिन लोगों के पास इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, वे 'यूपीआई 123पे' नाम से शुरू की गई इस सेवा के जरिए डिजिटल भुगतान कर सकते हैं और यह सेवा साधारण फोन पर काम करेगी.
दास ने कहा था कि अब तक यूपीआई की सेवाएं मुख्य रूप से स्मार्टफोन पर ही उपलब्ध हैं, जिसके चलते समाज के निचले तबके के लोग इनका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं. उन्होंने कहा कि खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा है. उन्होंने कहा था कि वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक यूपीआई लेनदेन 76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 41 लाख करोड़ रुपये था.
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