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ICRA की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, 25-30 फीसदी तक घट सकता है टोल कलेक्शन
Apurva Srivastav
28 May 2021 5:02 PM GMT
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छूट के चलते पिछले साल से होगा कम नुकसान
कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर काबू पाने के मकसद से देश के अलग-अलग राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया है. जिसके कारण लोगों की आवाजाही काफी कम हो गई है. इसका असर राष्ट्रीय राजमार्गों (नेशनल हाइवेज) के टोल कलेक्शन पर भी पड़ रहा है. रेटिंग एजेंसी ICRA के अनुसार पिछले महीने अप्रैल 2021 की तुलना में मई में टोल कलेक्शन 25-30 फीसदी तक कम हो सकता है. इक्रा ने अपना यह अनुमान गुरुवार को जारी किया है.
इक्रा ने यह रिपोर्ट 1 मार्च से 10 मई 2021 के बीच 11 राज्यों के 29 प्रोजेक्ट्स पर कलेक्ट हुए टोल को आधार बनाकर तैयार की गई है. जिसमें मई महीने में टोल कलेक्शन में गिरावट की बात कही गई है. रिपोर्ट के अनुसार कोरोना से सबसे अधिक महाराष्ट्र प्रभावित हुआ है. यहां अप्रैल 2021 से ही ग्रोथ मे गिरावट आनी शुरू हो गई थी. वैसे तो यह गिरावट सभी प्रकार की गाड़ियों के जरिए कलेक्ट होने वाले टोल में हुई है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभाव यात्री गाड़ियों और बसों से मिलने वाले टोल कलेक्शन पर पड़ा है.
छूट के चलते पिछले साल से होगा कम नुकसान
इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल में भी महामारी के चलते देश भर में लॉकडाउन लगाया गया था. इस बार भी स्थिति काफी कुछ वैसी ही थी. हालांकि इस बार देश भर की जगह स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लगाया गया है. इस दौरान मैन्यूफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों के संचालित होने समेत जरूरी चीजों की आवाजाही के लिए छूट दी गई है. इसलिए इस बार पिछले साल की तुलना में नुकसान के कम होने की संभावना है.
जानिए कितना हो सकता है नुकसान
नेशनल हाईवेज से गुजरने वाले वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाता है. इसके जरिए सरकार की कमाई होती है. मगर कोरोना काल में यातायात व्यवस्था प्रभावित होने से टोल टैक्स पर भी असर पड़ा है. इक्रा की रिपोर्ट के अनुसार साल 2019-20 में नेशनल हाईवेज पर 26,851 करोड़ रुपए का टोल कलेक्शन हुआ था. जबकि एक साल पहले 24,396 करोड़ टोल कलेक्शन हुआ था. ऐसे में 2,455 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है. हालांकि रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि जून से स्थिति बेहतर हो सकती हैं, जिससे टोल कलेक्शन भी बढ़ सकता है.
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