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मार्केट में जल्द दस्तक देगी हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली Jaguar Land Rover डिफेंडर SUV

Gulabi
15 Jun 2021 1:20 PM GMT
मार्केट में जल्द दस्तक देगी हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली Jaguar Land Rover डिफेंडर SUV
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Jaguar Land Rover डिफेंडर SUV

Jaguar लैंड रोवर ने ऐलान किया है कि, वो एक हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल पर काम कर रही है जो लैंड रोवर डिफेंडर SUV है. प्रोटोटाइप डिफेंडर SUV में हाइड्रोजन फ्यूल सेल का इस्तेमाल किया गया है. इस गाड़ी को इस साल के अंत तक टेस्ट किया जा सकता है. हाइड्रोजन फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल इलेक्ट्रिसिटी को हाइड्रोजन से जनरेट करता है जो इलेक्ट्रिक मोटर को पावर देता है. ये बैटरी पावर्ड इलेक्ट्रिका गाड़ियों का विकल्प है.


फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल कॉन्सेप्ट Jaguar लैंडर रोवर का हिस्सा है जो साल 2036 तक जीरो उत्सर्जन का टारगेट लेकर चल रहा है. जगुआर लैंड रोवर एडवांस इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट का नाम प्रोजेक्ट Zeus है जिसे यूके सरकार के एडवांस Propulsion सेंटर की तरफ से फंड किया गया है.

प्रोटोटाइप डिफेंडर FCEV टेस्टिंग का मकसद कई हिस्सों को टेस्ट करना है जिसमें ऑफ रोडिंग टेस्ट और फ्यूल कंजप्शन शामिल है. जगुआर लैंड रोवर ने यहां डेल्टा मोटरस्पोर्ट, AVL, Marelli ऑटोमोटिव सिस्टम और यूके बैटरी Industrialization सेंटर के साथ साझेदारी की है, जिसकी मदद से रिसर्च, डेवलप और डिफेंडर प्रोटोटाइप SUV को बनाया जा सके.

शून्य कार्बन उत्सर्जन का है टारगेट
जगुआर लैंड रोवर के हाइड्रोजन और फ्यूल सेल्स के हेड Ralph Clague ने कहा कि, हम जानते हैं कि, फ्यूचर पावरट्रेन और पूरे ट्रांसपोर्ट इंडस्ट्री के साथ इलेक्ट्रिक गाड़ियों में हाइड्रोजन का कितना बड़ा रोल है. इसकी मदद से हम शून्य कार्बन उत्सर्जन के टारगेट को पूरा कर सकते हैं. साल 2039 तक हम इसको पूरा कर लेंगे.

क्यों खास होती हैं हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाली गाड़ियां
हाइड्रोजन पावर्ड फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बड़े, लंबी रेंज गाड़ियां और जो गाड़ियां गर्म और सर्द वातावरण में चलती हैं उनके लिए बनाया जाता है. ये गाड़ियां हाई एनर्जी डेंसिटी और रेपिड रिफ्यूलिंग और कम तापमान में रेंज की कमी को पूरी करती हैं. रिपोर्ट के अनुसार फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का आंकड़ा साल 2018 से दोगुना हो चुका है. जबकि हाइड्रोजन रिफ्यूलिंग स्टेशन का आंकड़ा 20 प्रतिशत बढ़ चुका है. कहा जा रहा है कि अगले 9 सालों में हाइड्रोजन पावर्ड फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक गाड़ियों का आंकड़ा कुल 10 मिलियन तक पहुंच सकता है तो वहीं रिफ्यूलिंग स्टेशन पूरी दुनियाभर में 10,000 बन सकते हैं.
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