व्यापार

कोरोना इलाज के लिए कैसे लें इंश्योरेंस क्लेम का लाभ और कितने दिनों में करना होगा आवेदन, जानिए पूरी प्रक्रिया

Neha Dani
11 May 2021 4:55 AM GMT
कोरोना इलाज के लिए कैसे लें इंश्योरेंस क्लेम का लाभ और कितने दिनों में करना होगा आवेदन, जानिए पूरी प्रक्रिया
x
बीमाकर्ता से संपर्क कर सकता है. इससे रजिस्टर्ड अस्पतालों में भर्ती कराने में मदद मिलेगी.

वैसे तो हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) हमेशा से ही जरूरी रहा है. इससे अस्पताल समेत पूरे मेडिकल ट्रीटमेंट के खर्चों को कम किया जा सकता है. कोरोना महामारी के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस और भी जरूरी हो गया है. अगर आपने या आपके परिवार के किसी ने इंश्योरेंस ले रखा है और दुर्भाग्यवश पॉलिसी होल्डर की मौत हो जाती है तो इस पर डेथ क्लेम लिया जा सकता है. इसके अलावा इलाज के लिए भी इंश्योरेंस क्लेम लिया जा सकता है.क्लेम के लिए आवेदन करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, तो कौन-सी हैं वो चीजें आइए जानते हैं.

दो तरह के होते हैं इंश्योरेंस क्लेम
हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम आमतौर पर दो तरह के होते हैं. पहला कैशलेस क्लेम और दूसरा रीइंबर्समेंट क्लेम. कैशलेस क्लेम में यदि बीमाधारक ने इस विकल्प को चुना है तो ग्राहक को इम्प्लान्टेड अस्पताल में कैशलेस सुविधा का लाभ मिलेगा. इसके तहत चुनिंदा अस्पतालों जहां इंश्योरेंस कंपनी का टाईअप है वहां आप मरीज का इलाज करा सकते हैं. बीमा पॉलिसी की शर्तों के अनुसार इलाज के जितने प्रतिशत खर्च देने की बात है उतनी मदद बीमा कंपनी की ओर से की जाएगी.
कैशलेस सुविधा का लाभ लेने के लिए बीमा/टीपीए डेस्क पर स्वास्थ्य आईडी कार्ड को दिखाना होगा. इसके बाद अस्पताल और बीमा कंपनी के बीच प्रक्रिया शुरू होगी. इरडा के नए नियम के तहत अब कोरोना के इलाज को भी कैशलेस ट्रीटमेंट की श्रेणी में शामिल किया गया है.
रीइंबर्समेंट क्लेम
रीइंबर्समेंट क्लेम के तहत यदि ग्राहक एक ऐसा अस्पताल चुनता है जो बीमाकर्ता के साथ रजिस्टर्ड नहीं है, तो ग्राहक इलाज के दौरान होने वाले खर्च का बिल लगाकर बीमाकर्ता से क्लेम ले सकता है. ऐसे दावे आमतौर पर 5 दिनों के भीतर तय किए जाते हैं.
कैशलेस क्लेम की प्रक्रिया
कैशलेस क्लेम के लिए आवेदन करने के लिए ग्राहकों को अस्पताल के बीमा डेस्क से संपर्क करना होगा. यहां बीमाकर्ता को आवेदन पत्र (जो कि उपचार करने वाले डॉक्टर द्वारा साइन किया जाता है) देती है इसे भरना होगा. इसे बीमा कंपनी के पास भेजा जाएगा अप्रूवल मिलने के बाद से इलाज में होने वाला खर्च बीमा कंपनी देगी. अप्रूवल को उपचार से 4 से 7 दिन पहले लिया जाना चाहिए.
इस दौरान बीमा धारक को प्री आर्थराइजेशन लेटर (बीमा डेस्क द्वारा भरा हुआ), बीमा कंपनी या स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी द्वारा जारी किया गया आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि की फोटोकॉपी लगानी होगी. जब उपचार हो जाता है और ग्राहक ने कैशलेस सुविधा का लाभ उठाया है, तो मूल बिल और उपचार के प्रमाण अस्पताल में सबमिट करने होंगे. अगर किसी बीमाधारक को इमरजेंसी में अस्पताल भर्ती करावाना है तो पॉलिसीधारक अपने ग्राहक सेवा केंद्र या चैटबॉट की सुविधाओं के माध्यम से बीमाकर्ता से संपर्क कर सकता है. इससे रजिस्टर्ड अस्पतालों में भर्ती कराने में मदद मिलेगी.


Next Story