x
Business.व्यवसाय: नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को कहा कि देश में विमानों के अस्थिर लैंडिंग अप्रोच और भारतीय हवाई क्षेत्र में जोखिम वाले 'एयरप्राक्स' की घटनाओं की संख्या 2023 में काफी कम हो गई। नियामक ने अपनी समीक्षा रिपोर्ट में कहा कि प्रति दस हजार उड़ानों में लैंडिंग के समय अस्थिर अप्रोच का अनुपात लगातार घटा है और पिछले साल इसमें 23 प्रतिशत की कमी आई है।
लैंडिंग अप्रोच किसी उड़ान का वह चरण होता है जब चालक दल विमान को 5,000 फुट की ऊंचाई से नीचे उतारना शुरू करता है। विमान के हवाईपट्टी तक पहुंचने के साथ यह चरण खत्म होता है। इसी तरह भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रति 10 लाख उड़ानों में जोखिम वाले एयरप्राक्स की संख्या 25 प्रतिशत कम हो गई है।
दो विमानों के उड़ान के दौरान स्वीकार्य सीमा से अधिक नजदीक हो जाने को एयरप्राक्स कहा जाता है। डीजीसीए ने कहा कि प्रति 10,000 उड़ानों पर जमीन के करीब होने को लेकर जारी होने वाली चेतावनी में भी 92 प्रतिशत की कमी आई है जिससे नियंत्रित उड़ान के जोखिम में कमी आई है।
विमान मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगी सरकार
केंद्रीय नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बुधवार को कहा कि सरकार भारत में विमान विनिर्माण की योजना को आगे बढ़ाने के लिए एक विशेष इकाई (एसपीवी) स्थापित करने पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि उद्योग के हितधारकों और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक विशेष इकाई लगाई जाएगी। भारतीय वायुयान विधेयक-2024 को अगस्त में लोकसभा में पारित किया गया था। इसमें विमान के 'डिजाइन' और विनिर्माण को विनियमित करने के प्रविधान शामिल हैं, जो आत्मनिर्भरता के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का समर्थन करता है।
Tagsहवाईसफरएविएशनरेगुलेटरairtravelaviationregulatorजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaper
Rajesh
Next Story