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महंगे होम लोन और घरों की कीमतों में तेज उछाल के बावजूद हाउसिंग डिमांड पर

Tara Tandi
16 May 2023 1:22 PM GMT
महंगे होम लोन और घरों की कीमतों में तेज उछाल के बावजूद हाउसिंग डिमांड पर
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रियल एस्टेट सेक्टर के लिए वित्त वर्ष 2022-23 शानदार रहा है। हाउसिंग सेक्टर की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष में सात प्रमुख शहरों में 3.47 लाख करोड़ रुपये के मकान बेचे गए हैं, जो 2021-22 की तुलना में 48 फीसदी अधिक है। घरों की बिक्री में यह बढ़ोतरी तब हुई है, जब 2022-23 में अधिकतम होम लोन पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई थी, साथ ही प्रॉपर्टी की कीमतों में भी तेज उछाल आया था।
रियल एस्टेट कंसल्टेंट एनारॉक के मुताबिक, 2022-23 में हाउसिंग डिमांड में तेज उछाल आया था, जबकि इस दौरान कीमतें भी बढ़ी थीं। 2021-22 में 2,34,850 करोड़ रुपए के घरों की कुल बिक्री हुई थी, जो 2022-23 में बढ़कर 3,46,960 करोड़ रुपए हो गई है। घरों की संख्या की बात करें तो 2021-22 में कुल 2,77,783 घर बेचे गए, जो 2022-23 में बढ़कर 3,79,095 यूनिट हो गए। एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, भारत के रियल एस्टेट सेक्टर का हाउसिंग सेगमेंट लगातार ग्रोथ दिखा रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली-एनसीआर में घरों की बिक्री 2022-23 में 42 फीसदी बढ़कर 50,620 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2021-22 में 35,610 करोड़ रुपये था। मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) में आवास की बिक्री 2021-22 में 1,14,190 करोड़ रुपये और 2022-23 में 1,67,210 करोड़ रुपये थी। यानी 46 फीसदी का उछाल देखा गया है। कुल आवास बिक्री में एमएमआर क्षेत्र की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत रही है।
2021-22 में बेंगलुरु में कुल 26,100 करोड़ रुपये के घर बेचे गए, जो 2022-23 में 49 फीसदी की उछाल के साथ 38,870 करोड़ रुपये था। पुणे में, 2022-23 में 33,730 करोड़ रुपये के घरों की बिक्री हुई है, जो 2022-23 में 77 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2021-22 में 19,100 करोड़ रुपये थी। हैदराबाद में, 2021-22 में 23,190 करोड़ रुपये के मुकाबले 2022-23 में 34,820 करोड़ रुपये के घर बेचे गए, जो कि 50 प्रतिशत अधिक है। चेन्नई में, 2021-22 में 8,940 करोड़ रुपये के घर बेचे गए, जो 2022-23 में 24 प्रतिशत बढ़कर 11,050 करोड़ रुपये हो गए।
कोलकाता में 2021-22 में 7,720 करोड़ रुपये के मुकाबले 2022-23 में 10,660 करोड़ रुपये के मकानों की बिक्री हुई है, जो 38 प्रतिशत अधिक है। चौंकाने वाली बात यह है कि भारत का हाउसिंग सेक्टर होम लोन की बढ़ती कीमतों और कीमतों से पूरी तरह से अछूता है। आरबीआई के रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी करने के बाद सभी बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने होम लोन पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं। इसलिए कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण बिल्डरों ने घरों को महंगा कर दिया है, फिर भी घरों की बिक्री में रिकॉर्ड उछाल आया है।
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