व्यापार

गृह मंत्रालय ने संसद में NCRB के हवाले से दी जानकारी, कोरोना काल में 11,716 कारोबारियों ने किया सुसाइड

jantaserishta.com
1 Dec 2021 3:04 AM GMT
गृह मंत्रालय ने संसद में NCRB के हवाले से दी जानकारी, कोरोना काल में 11,716 कारोबारियों ने किया सुसाइड
x

नई दिल्ली: कोरोना ने स्वास्थ्य के साथ-साथ अर्थव्यवस्था पर भी काफी असर डाला है. यही वजह है कि 2019 की तुलना में 2020 में व्यापारियों की आत्महत्या के मामले में इजाफा हुआ है.

केंद्र सरकार ने मंगलवार को संसद में बताया कि 2020 में 11716 व्यापारियों ने आत्महत्या की. यह 2019 की तुलना में 29% ज्यादा है. यानी इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि 2020 यानी कोरोना काल में व्यापारियों ने कृषि सेक्टर से जुड़े लोगों से अधिक आर्थिक तनाव और संकट झेला है.
गृह मंत्रालय ने एनसीआरबी (NCRB) की रिपोर्ट Accidents and Suicides in India के हवाले से बताया कि 2019 में व्यापार से जुड़े 9052 लोगों ने आत्महत्या की. वहीं, 2020 में 11,716 लोगों ने अपनी जान दी.
NCRB ने आत्महत्या के मामलों को कैटेगरी में नहीं बांटा. हालांकि, सरकार का कहना है कि यह नहीं कहा जा सकता कि ज्यादातर आत्महत्या करने वाले व्यापारी एमएसएमई सेक्टर से जुडे़ थे.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में 11,716 व्यापारियों ने आत्महत्या की. जबकि इसी दौरान 10,677 किसानों ने भी आत्महत्या की. 2015 की तुलना में आंकड़ों की बात करें, तब हर 1 व्यापारी पर 1.44 किसानों ने आत्महत्या की थी. लेकिन 2020 में हर एक किसान पर 1.1 व्यापारी ने आत्महत्या की.
व्यापारियों की आत्महत्या दर में इस साल 29.4%, जबकि कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों की आत्महत्या दर में 3.9% वृद्धि हुई है. हालांकि, एक्सपर्ट इस डेटा को सही नहीं मानते, दरअसल कृषि क्षेत्र से जुड़ी महिलाओं की आत्महत्या को गृहणी के तौर पर दिखाया जाता है. एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2020 में व्यवसायिक आत्महत्याओं में से 4,226 वेंडरों, 4,356 व्यापारी और 3,134 अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में जुड़े लोगों ने आत्महत्या की.
चिंता की बात ये है कि कोरोना की दूसरी लहर में लोगों पर और भी ज्यादा असर पड़ा है. ऐसे में 2021 के आंकड़े भी इससे मिलते जुलते आ सकते हैं.
Next Story