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ऐतिहासिक पोर्ट की बोली जीती, अब गौतम अडानी की धमक पूरी दुनिया में, जानें सब कुछ
jantaserishta.com
15 July 2022 2:44 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: एशिया के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) की धमक पूरी दुनिया में बढ़ती जा रही है. उनकी कंपनी अडानी पोर्ट्स (Adani Ports) पहले से ही भारत की सबसे बड़ी बंदरगाह ऑपरेटर (Port Operator) है. अब अडानी पोर्ट्स का दायरा देश की सीमा से बाहर निकलने वाला है. गौतम अडानी की कंपनी इजरायल के सबसे प्रमुख बंदरगाहों में से एक हैफा पोर्ट (Haifa Port) को करीब 9,500 करोड़ रुपये में खरीदने जा रही है. खुद इजरायल (Israel) की सरकार ने इसका ऐलान किया है और गौतम अडानी ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी है.
गौतम अडानी ने गुरुवार देर रात एक ट्वीट (Tweet) में इसकी जानकारी देते हुए खुशी जाहिर की. उन्होंने पोस्ट किया, 'अपने पार्टनर गैडोट के साथ मिलकर इजरायल के हैफा पोर्ट के निजीकरण का टेंडर जीतकर उत्साहित हूं. यह दोनों देशों के लिए शानदार रणनीतिक व ऐतिहासिक महत्व रखता है. हैफा में आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं, जहां भारतीयों ने साल 1918 में सैन्य इतिहास के सबसे शानदार कैवेलरी चार्जेज में से एक की अगुवाई की थी.'
इजरायल का यह अहम बंदरगाह भूमध्यसागर के तट (Mediterranean Sea Cost) पर स्थित है और इसका काफी ऐतिहासिक महत्व है. फिलहाल भूमध्यसागर के तट पर यह बंदरगाह व्यापार के सबसे बड़े केंद्रों में से एक है. इजरायल ने बताया कि भारतीय कंपनी अडानी पोर्ट्स और स्थानीय केमिकल्स एंड लॉजिस्टिक्स कंपनी गैडोट (Gadot) मिलकर इस बंदरगाह को खरीदने जा रही है. दोनों ने मिलकर 4.1 बिलियन शेकेल्स (Shekels) की बोली लगाई थी, जिसे सबसे बड़ा पाया गया. शेकेल्स इजरायल की आधिकारिक मुद्रा है. इस अमाउंट को कंवर्ट करें तो यह करीब 1.18 बिलियन डॉलर यानी करीब 9,429 करोड़ रुपये हो जाता है.
करीब दो साल चली टेंडर की प्रक्रिया के बाद गैडोट और अडानी को यह सफलता हाथ लगी है. इजरायल को उम्मीद है कि अडानी के पास इस बंदरगाह के जाने से आयात की लागत कम होगी और लंबे वेट टाइम के लिए बदनाम इजरायली बंदरगाहों की छवि में सुधार होगा. इजरायल के वित्त मंत्री एविगडोर लिबरमैन (Avigdor Lieberman) ने कहा, 'हैफा बंदरगाह के निजीकरण से बंदरगाहों पर कंपटीशन बढ़ेगा और जीवन-यापन की लागत में कमी आएगी.'
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, डील के तहत अडानी पोर्ट्स के पास इस बंदरगाह में 70 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी. वहीं स्थानीय कंपनी हैफा के पास बाकी की 30 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी. इस बंदरगाह का मालिकाना हक मिलने के बाद अडानी की टक्कर सीधे चीन से होगी. इसी खाड़ी के निकट हाल ही में एक नया बंदरगाह शुरू हुआ है, जिसे चीन की कंपनी शंघाई इंटरनेशनल पोर्ट ग्रुप (Shanghai International Port Group) चलाती है.
इजरायल का करीब 98 फीसदी व्यापार समुद्र के रास्ते से होता है. सरकार इकोनॉमिक ग्रोथ को बनाए रखने के लिए लगातार इस सेक्टर को बेहतर बना रही है. हाल के दिनों में पड़ोसी अरब देशों के साथ इजरायल के रिश्ते बेहतर हुए हैं. इससे इजरायल के साथ-साथ अडानी को भी फायदा होने वाला है, क्योंकि अरब देशों के साथ व्यापार के लिए हैफा सबसे अहम लोकेशन पर है. डील के बाद हैफा पोर्ट ने कहा कि नया ग्रुप साल 2054 तक उसका संचालन संभालेगा. पोर्ट ने ये भी कहा कि उसे जो बोली मिली, वह उम्मीद से काफी ऊपर है.
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