22 हजार करोड़ का प्याज सड़ने से बचाने के लिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से ली जाएगी मदद
नई दिल्ली। कभी राजनीतिक दलों के तो कभी उपभोक्ताओं के 'आंसू निकाल देने' वाले प्याज को सहेजने-संभालने की कवायद शुरू हुई है। यानी कि लाखों टन प्याज को सड़ने से बचाने के लिए देशव्यापी मुहिम शुरू की जाने वाली है ताकि अक्सर होने वाली किल्लत से बचा जा सके। दरअसल, खेत से निकलने के बाद देश में सालाना 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्याज रखरखाव के अभाव में सड़ जाता है। पोस्टहार्वेस्टिंग यानी खेत से तैयार होकर निकलने के बाद देश में प्याज भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से इसकी आपूर्ति बाधित होती है। देश में महंगाई को हवा देने में प्याज की भूमिका अहम होती है। इसीलिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने प्याज भंडारण की आधुनिक और सस्ती तकनीक उपलब्ध कराने के लिए देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों, वैज्ञानिकों, छात्रों और इस दिशा में काम करने वालों को एक मंच पर लाने का फैसला किया है।