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हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सरकार से किया आग्रह, ISI स्टैंडर्ड्स को करे सख्ती से लागू

2 Nov 2023 6:59 PM GMT
हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सरकार से किया आग्रह, ISI स्टैंडर्ड्स को करे सख्ती से लागू
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देश में सड़क दुर्घटना को काम करने के लिए, लोगों की जान न जाए, इसलिए आईएसआई स्टैंडर्ड्स वाले हेलमेट के नियम सख्ती से लागू हों। टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने सरकार से ऐसा आग्रह किया है। दरअसल, इस आग्रह के बार-बार दोहराए जाने के पीछे कई वजहें हैं। पिछले साल, यानी साल 2022 में 50,000 से ज्यादा लोगों की मौत बाइक दुर्घटनाओं में हुई है। ये आंकड़े मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में सामने आए हैं। इसमें पिछले साल सड़क दुर्घटनाओं का जिक्र किया गया है और साफ-साफ कहा गया है कि हेलमेट न पहनने के कारण बाइक दुर्घटनाओं में 50,000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।

‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं – 2022’ हेडिंग से आई इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि इनमें से 71.3 फीसदी मौतें वाहन चालकों की थी और 28.7 फीसदी यात्री थे। आपको जानकर और ज्यादा हैरानी होगी कि रोड एक्सिडेंट्स में मृत्यु दर में 9.4 फीसदी की बढ़ोतरी और दुर्घटनाओं में साल-दर-साल 11.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लगातार दूसरे साल दुर्घटनाओं और मौतों में दोपहिया वाहनों का योगदान सबसे ज्यादा रहा। ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में हुईं हैं। ग्रामीण इलाकों में रोड एक्सिडेंट्स में 68 फीसदी लोगों को मौते हुई हैं। बाकी के आंकड़े शहरी इलाकों से संबंधित हैं।

टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव कपूर ने इन आंकड़ों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमने राज्य सरकारों से हेलमेट इस्तेमाल को अनिवार्य रूप से पहनने संबंधित कानूनों को लागू करके तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है और इस बात पर जोर दिया कि वाहन चालकों और सवारों की जिंदगी बचाने के लिए कड़े उपायों को लागू करने का यह सही समय है। राजीव कपूर ने कहा कि आईएसआई स्टैंडर्ड्स वाले हेलमेट की जरूरत है और घटिया विकल्पों के खतरों के बारे में जागरूकता जरूरी है। यह चिंताजनक है कि लगभग हर सड़क के कोने पर संदिग्ध और नॉन आईएसआई हेलमेट विक्रेता मौजूद हैं, जो इस समस्या को बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं। वे नकली और नकली आईएसआई हेलमेट बनाते और बेचते हैं, जो लोगों की जान बचाने में नाकाम रहते हैं।

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