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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Helicopter Drone Camera for survilance: अगर आप ड्रोन खरीदने के लिए मार्केट में जाते हैं तो आपको कई ऑप्शंस मिल जाते हैं लेकिन ये ड्रोन्स कई वेदर कंडीशंस को झेल नहीं पाते हैं, ऐसे में ये खराब हो जाते हैं और आपका पैसा बर्बाद हो जाता है. आपको बता दें कि दुनियाभर में पॉपुलर हो चुका एक ड्रोन कैमरा ऐसा भी है जो मुश्किल से मुश्किल वेदर कंडीशंस को भी झेल लेता है और इससे बेहतरीन तरीके से इलाखों की निगरानी की जा सकती है. ये ड्रोन इतना छोटा है कि इसका साइज और आपकी मुट्ठी का साइज तकरीबन एक जैसा ही होता है. आज हम आपको इस खास ड्रोन के बारे में बताने जा रहे हैं, साथ ही हम ये भी आपको बताएंगे कि आखिर ये क्योंक अन्य ड्रोन्स से अलग है.
कौन सा है ये ड्रोन कैमरा
दरअसल हम जिस ड्रोन कैमरे की बात कर रहे हैं वो एक पॉकेट साइज हेलीकॉप्टर जिसका नाम PD-100 Black Hornet है. ये देखने में काफी छोटा होता है लेकिन जब बात आती है अपना काम करने की तो ये इसे बखूबी अंजाम देता है. इस हेलीकॉप्टर की मदद से निगरानी करने का काम किया जाता है, ये उन इलाकों में पहुंच सकता है जहां पर इंसान भी नहीं जा सकते. मुश्किल वेदर कंडीशंस में भी ये बेहतरीन तरीके से काम करता है. इसका काम निगरानी करना है जिसमें ये माहिर है। हालांकि ये ड्रोन हेलीकॉप्टर आम लोगों की पहुंच से बाहर है.
कहां होता है इसका इस्तेमाल
PD-100 Black Hornet ड्रोन को बेहद हे संवेदनशील इलाखों की निगरानी करने साथ ही खूफिया मिशन्स में किया जाता है. कई देशों की सेनाएं भी इसका इस्तेमाल कर रही हैं. इस ड्रोन का इस्तेमाल रिमोट से किया जाता है, चूंकि रिमोट में एक डिस्प्ले भी होता है ऐसे में इसे कंट्रोल करने वाला व्यक्ति लाइव फुटेज देख सकता है जो ड्रोन के कैमरे से भेजी जाती है. आपदा प्रभावित क्षेत्रों में नागरिकों को बचाने के लिए चलाए जाने वाले खोजी मिशन्स में भी इसका इस्तेमाल सम्भव है.
किस कंपनी ने किया है तैयार
आपको बता दें कि इस हेलीकॉप्टर ड्रोन को नॉर्वे में स्थित Prox Dynamics नाम की कंपनी ने तैयार किया है. ये 10 सेमी लम्बा और 2.5 सेमी चौड़ा है और तकरीबन आपकी मुट्ठी के साइज का होता है. इसे लगातार 20 मिनट उड़ाया जा सकता है, इसमें तीन कैमरे होते हैं. इस ड्रोन हेलीकॉप्टर की टॉप स्पीड 13 मील प्रति घंटे (21 किमी / घंटा) है. इसे खरीदने के लिए आपके पास तकरीबन 1 करोड़ रुपये होने चाहिए. भारत समेत संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की, नॉर्वे, नीदरलैंड, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, पोलैंड और न्यूजीलैंड के सशस्त्र बल इस ड्रोन कैमरे का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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