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सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने सूक्ष्म लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME) ऊर्जा और बुनियादी ढांचा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को भी बजट की प्राथमिकता सूची में रखा है। बजट में एमएसएमई के लिए कम लागत पर नवीनतम तकनीकों तक पहुंच को प्रोत्साहित करने के उपाय शामिल होने चाहिए।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को सबसे अधिक प्राथमिकता मिलने की संभावना है। उद्योग मंडल एसोचैम ने अपने एक सर्वेक्षण में यह बात कही। एसोचैम ने कहा कि उसके सर्वेक्षण में 47 प्रतिशत लोगों ने उम्मीद जताई कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान देंगी।
MSME को बजट की प्राथमिकता सूची में रखें
सर्वेक्षण में शामिल लोगों ने सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों (MSME), ऊर्जा और बुनियादी ढांचा और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों को भी बजट की प्राथमिकता सूची में रखा है। 28 प्रतिशत ने कहा कि बजट में एमएसएमई के लिए कम लागत पर नवीनतम तकनीकों तक पहुंच को प्रोत्साहित करने के उपाय शामिल होने चाहिए। कंपनियों को और अधिक लोगों को काम पर रखने के प्रोत्साहन से भी मदद मिलेगी। सर्वेक्षण में 40 शहरों में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले 400 लोगों की राय ली गई।
बजट में फ्रंडलाइन वर्कर पर फोकस
एसोचैम ने कहा कि सरकार के सक्रिय उपायों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों के अथक प्रयासों ने अनिश्चित स्थिति से निपटने में मदद मिली है। साथ ही कोरोना महामारी ने सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में कुछ कमियों को भी उजागर किया है। इसके अलावा सर्वेक्षण में लगभग 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वित्त मंत्री को निजी मांग और खपत को बढ़ावा देने के लिए अन्य उपायों के साथ आयकर को कम करना चाहिए।
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से बढ़ेगी मांग
यह पूछे जाने पर कि रोजगार सृजन की गति को बढ़ाने के लिए सरकार क्या कर सकती हैं, तो ज्यादातर लोगों ने कहा कि सरकार को बुनियादी ढांचे और आवास क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। 31 फीसदी ने कहा कि गरीब परिवारों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) मांग बढ़ा सकता है ।
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