एचडीएफसी सिक्योरिटीज: भारत में इस साल यूनिकॉर्न की संख्या 100 से अधिक होने की संभावना
इंडिया न्यूज़ स्पेशल: देश में फंडिंग गतिविधियों के तेज होने से इस साल यहां यूनीकॉर्न यानी एक अरब डॉलर के बाजार मूल्यांकन वाले स्टार्टअप्स की संख्या बढ़कर 100 से अधिक हो सकती है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के मुताबिक पर्याप्त फंडिंग के कारण गत साल भारत में 42 यूनिकॉर्न बने, जिससे कुल यूनिकॉर्न की संख्या बढ़कर 79 हो गयी। यूनिकॉर्न की संख्या के मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में यूनिकॉर्न की लहर अब भी तेज है। इस साल के शुरूआती दो माह के दौरान यहां हर पांचवें दिन दो नये यूनिकॉर्न बन रहे थे। इस साल के अंत तक यहां 100 से अधिक यूनिकॉर्न होंगे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के इंटरनेट इकोसिस्टम में निवेश की मजबूत धारणा का संबंध विकास की अपार संभावना और समस्याओं के हल से हो सकता है। कोरोना महामारी के कारण इंटरनेट को अपनाने की गति तेज कर दी है। लॉकडाउन के कारण व्यापारिक गतिविधियां ठप थीं और यही मुख्य वजह रही डिजिटलीकरण की। लोग शॉपिंग, भुगतान, शिक्षा, ई कॉमर्स, व्यापार आदि के लिये ऑनलाइन मोड पर आ गये। सबने ऑनलाइन उपस्थिति की जरूरत को समझा। रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर 2021 तक वार्षिक आधार पर इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या सात प्रतिशत बढ़कर 834 मिलियन हो गयी। हाई स्पीड डाटा तक पहुंच और डाटा की कम दर से लोगों को ऑनलाइन होने में आसानी हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आज के समय में सर्वाधिक लोग ई कॉमर्स और सोशल मीडिया की श्रेणी में इंटरनेट से जुड़े हैं। लोग फूड डिलीवरी, ग्रोसरी , इलेक्ट्रॉनिक और कपड़ों के लिये ऑनलाइन भुगतान कर रहे हैं। गत साल भारत में 2.1 हजार समझौतों के तहत 66 अरब डॉलर का रिकॉर्ड निवेश हुआ। अधिक संख्या में हो रहे समझौतों और समझौतों के तहत किये जाने वाले मोटे निवेश के कारण भारत में यूनिकॉर्न की लहर चली है। ई कॉमर्स, फिनटेक और एडुटेक कई क्षेत्रों में भारी निवेश किया जा रहा है। स्टार्टअप में सबसे अधिक 50 फीसदी निवेश फिनटेक और ई कॉमर्स कंपनियों में हो रहा है जबकि 35 फीसदी निवेश हेल्थकेयर, मीडिया टेक, फूड टेक और एडुटेक क्षेत्र के स्टार्टअप में हो रहा है।