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हरियाणा के राज्यपाल चौधरी चरण सिंह और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय के एक दिवसीय दौरे के दौरान दीन दयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केंद्र में कार्यालय परिसर एवं प्रयोगशाला के भवन की आधारशिला रखी. इस अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह लैब किसानों के लिए बहुत ही फायदमेंद साबित होगी.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- हरियाणा के राज्यपाल चौधरी चरण सिंह और हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय के एक दिवसीय दौरे के दौरान दीन दयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केंद्र में कार्यालय परिसर एवं प्रयोगशाला के भवन की आधारशिला रखी. इस अवसर पर संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह लैब किसानों के लिए बहुत ही फायदमेंद साबित होगी. इस लैब के माध्यम से किसानों को भूमि का स्वास्थ्य जांचने, जैविक कीटनाशक व फफूंदनाशक बनाने, फसलों की गुणवत्ता जांचने व मूल्य संवर्धन में काफी मदद मिलेगी.
इस दौरान उन्होंने दीन दयाल जैविक खेती उत्कृष्टता केंद्र का भ्रमण कर यहां चल रही विभिन्न अनुसंधानात्मक गतिविधियों का अवलोकन किया. इसके उपरांत उन्होंने परिसर में फलदार पौधा लगाकर हरियाली व जैविक फल सब्जियों को बढ़ाने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि हमें भी अपने घरों व आसपास में खाली पड़े स्थान का सदुपयोग करते हुए अधिक से अधिक पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण को बढ़ाने में मदद करनी चाहिए.
किसान देंगे जैविक खेती को बढ़ावा
उन्होंने विश्वविद्यालय की ओर से जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किए गए इस केंद्र की सराहना की. उन्होंने कहा कि यहां से जुड़कर किसान जैविक खेती को बढ़ावा देते हुए रसायनमुक्त उत्पाद तैयार कर सकेंगे. इससे एक ओर जहां स्वास्थ्य ठीक रहेगा वहीं पर्यावरण भी प्रदूषित नहीं होगा. मौजूदा समय में न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर जैविक उत्पादों की मांग बढ़ रही है. इससे किसानों को विदेशी मुद्रा हासिल हो सकेगी और वे आर्थिक रूप से और अधिक समृद्ध हो सकेंगे. अपने भ्रमण के दौरान राज्यपाल ने जैविक बाग में लगाए गए नींबू, अमरूद, आलू बुखारा, केला, आंवला, कीन्नू सहित विभिन्न प्रजातियों के फलदार पौधों के बारे में जानकारी हासिल की.
विश्वविद्यालय की मौसम सेवा का भी ले सकते हैं लाभ
विश्वविद्यालय की ई-मौसम एसएमएस सेवा को हरियाणा सरकार की और मोबाइल एप्प ई-मौसम एचएयू को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की वेबसाइट पर भी जगह मिली है. इस बात की जानकारी कुलपति प्रो. बीआर कांबोज ने दी है. उन्होंने बताया कि राज्य के किसानों को मौसम पूर्व जानकारी व कृषि सलाह प्रदान करने वाली यह सेवा बहुत फायदेमंद साबित हो रही है. इससे किसानों को फसलों संबंधी बिजाई, कटाई व कढ़ाई के लिए समय निर्धारण करने में आने वाली समस्याओं से निजात मिल रही है. वे आर्थिक नुकसान से बच रहे हैं.
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