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नई दिल्ली। नये वित्त वर्ष के पहले दिन आर्थिक र्मोचे पर अच्छी खबर आई है। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह से सरकार की झोली भर गई है। मार्च में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। यह पिछले वर्ष के मार्च के 142095 करोड़ रुपये की तुलना में 13 फीसदी ज्यादा है, जो जीएसटी लागू होने के बाद अबतक का दूसरा सबसे बड़ा संग्रह है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी महीने मार्च में जीएसटी संग्रह 1,60,122 करोड़ रुपये का रहा है। जीएसटी राजस्व संग्रह लगातार 14वें महीने 1.4 लाख करोड़ रुपये के ऊपर बना हुआ है। जब से जीएसटी देश में लागू किया गया है, तब से दूसरी बार यह 1.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है।आंकड़ों के मुताबिक मार्च के कुल जीएसटी संग्रह 1,60,122 करोड़ रुपये में 29,546 करोड़ रुपये सीजीएसटी, 37,314 करोड़ रुपये एसजीएसटी और रिकॉर्ड आईजीएसटी 82,907 करोड़ रुपये (जिसमें सामान पर आयात से जमा 42,503 करोड़ रुपये) शामिल है। इसके अलावा इसमें 10,355 करोड़ रुपये सेस का शामिल है, जिसमें 960 करोड़ रुपये सामानों के आयात से मिले हैं।
दरअसल, पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी राजस्व का कुल संग्रह 18.10 लाख करोड़ रुपये रहा है। इसके आधार पर मासिक जीएसटी संग्रह का आंकड़ा औसतन 1.51 लाख करोड़ रुपये का बैठता है। वित्त वर्ष 2022-23 में जीएसटी का ग्रॉस रेवेन्यू इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 22 फीसदी ज्यादा रहा है।
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